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ये भारत सरकार का बजट है या बिहार का, बैसाखी को स्थिर रखने पर जोर; क्या बोला विपक्ष

  • अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे लिए आज बजट के आंकड़ों से ज्यादा जान गंवाने वालों के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। यह सरकार जान गंवाने वालों, लापता लोगों के आंकड़े नहीं दे सकी।’

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 1 Feb 2025 01:19 PM
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ये भारत सरकार का बजट है या बिहार का, बैसाखी को स्थिर रखने पर जोर; क्या बोला विपक्ष

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट पर विपक्षी दलों ने निराशा जताई है और इसे चुनावी बजट करार दिया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ये भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का। वित्त मंत्री के पूरे बजट भाषण में क्या बिहार के अलावा किसी और राज्य का नाम सुना? जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए। यह दुखद है कि जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है।'

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कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'आज हम चाहते थे कि सरकार कुंभ में हुई मौतों पर चर्चा के लिए कोई फैसला ले। विपक्ष, कांग्रेस चाहती है कि महाकुंभ में जो इतने लोगों की मृत्यु हुई, घायल हुए, उस पर सदन में चर्चा के लिए कोई तारीख तय की जाए। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, INDIA गठबंधन दलों ने इस मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा कि जहां तक ​​बजट की बात है, यह वही पुराना बजट है जो हम पिछले 10 सालों से सुनते आ रहे हैं। इसमें न तो गरीब, न किसान और न ही मध्यम वर्ग को कुछ मिलता है। आज का बजट पिछले 10 सालों का सबसे कमजोर बजट रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से इस बारे में (12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट) कोई जानकारी नहीं दी, यह सरकार का पुराना तरीका है कि वे कुछ दिखाते हैं और जब हम विस्तार से देखते हैं, तो हमें पता चलता है कि कुछ नहीं मिला।

‘बिहार में चुनाव है, इसलिए सपना बेचा जा रहा’

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘बिहार में चुनाव है इसलिए सपना बेचने का काम जरूर हो रहा है। लेकिन आज किसानों, मजदूरों, गरीबों, छात्रों का जो हालत है, जो महंगाई के मार से पीस रहे हैं उनके लिए तो कुछ नहीं है। इस बजट से कुछ नहीं होने वाला है।’ शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय बजट पर कहा, 'जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, उनके नाम सबसे ज्यादा लिए गए, बिहार फिर असम का नाम लिया। पंजाब का नाम भी नहीं लिया जहां किसान MSP की गारंटी के लिए धरने पर बैठे हैं। किसानों की लड़ाई को बिल्कुल भी नहीं सुना गया, इसलिए मुझे दुख है।'

अखिलेश यादव ने महाकुंभ भगदड़ का किया जिक्र

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे लिए आज बजट के आंकड़ों से ज्यादा जान गंवाने वालों के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। जो सरकार जान गंवाने वालों, लापता लोगों के आंकड़े नहीं दे सकी... जिस सरकार को ये बताने में 17 घंटे से ज्यादा लग गए कि भगदड़ मची, लोगों की जान चली गई... जिनके पास ये सपना नहीं है, विजन नहीं है कि महाकुंभ के लिए कितना इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए, जब 40 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्था करनी थी, तो आपने क्या व्यवस्था की? ये सरकार झूठी है, जो सरकार महाकुंभ का आयोजन नहीं कर सकती, आज के बजट में उसका हर आंकड़ा झूठा है।'

यह मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी जीत: प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट पर कहा, 'मैं कहूंगी कि यह मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी जीत है, यह 240 सीटें पर आने की जीत है। पिछले 10 सालों से मध्यम वर्ग की मांग रही है कि हम अपनी सैलरी से ज़्यादा टैक्स देते हैं। आज आखिरकार उनकी मांगें सुनी गई हैं, इसलिए मैं इसका स्वागत करती हूं। बिहार के लोग सोच रहे होंगे कि अगर बिहार में हर साल चुनाव होते तो बेहतर होता। बिहार में चुनाव आ रहे हैं, यह दो तरह से पता चलता है जब ध्रुवीकरण शुरू होता है और जब आम आदमी के लिए बजट घोषित होता है।'