भारत ने US को बता दिए अपने इरादे, पहलगाम के बदले पर क्या संकेत दे रहे जयशंकर
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अमेरिका कश्मीर की स्थिति के संबंध में भारत और पाकिस्तान दोनों से संपर्क कर रहा है और उन्हें 'तनाव को और न बढ़ाने' के लिए कह रहा है।

पहलगाम आतंकवादी हमले के आरोपियों के खिलाफ भारत बड़े ऐक्शन की तैयारी कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐसे संकेत दिए हैं। हालांकि, स्पष्ट तौर पर अब तक सरकार ने कुछ नहीं कहा है। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की है। भारत पहले ही हमले के जिम्मेदार को कड़ी सजा देने की कसम खा चुका है।
जयशंकर ने लिखा, 'कल अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से पहलगाम आतंकवादी हमले पर बात की। इसके दोषी, समर्थन करने वाले और योजना बनाने वालों को न्याय के कटघरे में लाना चाहिए।' भारत ने इस भयावह हमले के तार 'सीमा पार' से जुड़े होने और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
क्या बोला अमेरिका
रूबियो ने कहा कि उनका देश आतंकवाद से मुकाबला करने में भारत के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। बातचीत के दौरान जयशंकर ने रुबियो से कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के दोषियों, उनका समर्थन करने वालों और इसकी साजिश रचने वालों को निश्चित रूप से न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।
पाकिस्तान से भी की बात
रूबियो ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन किया। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अमेरिका कश्मीर की स्थिति के संबंध में भारत और पाकिस्तान दोनों से संपर्क कर रहा है और उन्हें 'तनाव को और न बढ़ाने' के लिए कह रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दक्षिण एशिया में हाल के घटनाक्रम के संबंध में पाकिस्तान के दृष्टिकोण से अवगत कराया।
विज्ञप्ति में कहा गया कि शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में पाकिस्तान के 'महत्वपूर्ण योगदान' का जिक्र किया और दावा किया कि देश के '90,000 से अधिक लोगों की जान कुर्बान हुई है और 152 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।'
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि 'भारतीय उकसावे' के कारण आतंकवाद, विशेष रूप से अफगान धरती पर सक्रिय समूहों से लड़ने के पाकिस्तान के प्रयासों से ध्यान भटकाने में मदद मिलती है।
शरीफ ने हमले से पाकिस्तान को जोड़ने के भारत के प्रयास को भी खारिज कर दिया और मामले की जांच कराने की पाकिस्तान की मांग दोहराई। उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया है कि वह 'भड़काऊ बयान' से बचने के लिए भारत पर दबाव डाले।
शरीफ ने सिंधु जल संधि का भी मुद्दा उठाया और कहा कि संधि के तहत मिलने वाला जल 24 करोड़ लोगों के लिए जीवन रेखा है। उन्होंने दावा किया कि संधि में किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा तरीके से पीछे हटने का कोई प्रावधान नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)