दिल्ली में पकड़े गए 'जासूस जवान' की पहलगाम में ही थी पोस्टिंग, हमले से 6 दिन पहले ही लौटा
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) का जवान हमले से ठीक पहले तक पहलगाम में ही तैनात था।

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) का जवान हमले से ठीक पहले तक पहलगाम में ही तैनात था। 22 अप्रैल को हुए हमले से 6 दिन पहले ही उसका ट्रांसफर हुआ था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। आरोपी असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) मोती राम जाट को सोमवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
मोती राम जाट पहलगाम में सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन में तैनात था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के मुताबिक आरोपी पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को गोपनीय सूचनाएं दे रहा था। वह 2023 से ही पैसों के बदले देश के साथ गद्दारी कर रहा था। उसने पाकिस्तान को भारतीय सुरक्षा बलों की ऑपरेशनल जानकारी, मूवमेंट के तरीके और अहम सैन्य ठिकानों का लोकेशन भेज चुका था।
गिरफ्तारी के बाद जवान को बर्खास्त कर दिया गया है। एनआईए के अधिकारी जासूसी के आरोपी जवान से पूछताछ में जुटे हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वह क्या-क्या गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को दे चुका था और पाकिस्तान में किन-किन लोगों से संपर्क में था। वह कैसे पाकिस्तान का मोहरा बना यह भी पता लगाया जा रहा है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को धर्म पूछकर मार डाला था। मृतकों में अधिकतर हिंदू थे।
सीआरपीएफ के एक बयान के अनुसार जाट केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर अपनी सोशल मीडिया एक्टिविटी की वजह से आया। सीआरपीएफ की ओर से बताया गया कि जाट को आगे की जांच के लिए एनआईए के हवाले कर दिया गया है। बयान में कहा गया है, 'इसके साथ ही, सीआरपीएफ नियमों के साथ संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत इस व्यक्ति को 21 मई से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।'आरोपी को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 6 जून तक के लिए हिरासत में भेज दिया है।