दिल्ली में कड़ी सुरक्षा के बीच 55 जगहों पर मॉक ड्रिल; मेट्रो ट्रेन, बस और कैब सेवाओं पर होगा कितना असर?
भारतीय सुरक्षाबलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर का जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है।

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बने युद्ध के हालातों को देखते हुए आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार बुधवार को देशभर में मॉक ड्रिल (सुरक्षा अभ्यास) करवा रही है। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कई स्थानों पर मॉक ड्रिल करते हुए किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में खतरे से बचने का अभ्यास किया जा रहा है। यह मॉक ड्रिल दिल्ली के सभी 11 जिलों समेत कुल 55 स्थानों पर जारी है, जिसमें हवाई हमले के दौरान सायरन परीक्षण, सुरक्षित तरीके से भाग निकलने का अभ्यास और लोगों को प्रशिक्षण देना शामिल है।
इस दौरान कुछ स्थानों पर हवाई हमले की चेतावनी के बीच मॉक ड्रिल की गई। सिविल डिफेंस ने सायरन बजाकर लोगों को आगाह किया। अभ्यास के दौरान कुछ जगहों पर ट्रैफिक को भी रोक दिया गया। दरअसल इस ड्रिल का मकसद ऐसी किसी तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर जल्द से जल्द प्रतिक्रिया करते हुए लोगों को खतरे से बचाना और स्थिति को संभालना है।
क्या मेट्रो, बस और कैब सेवाएं प्रभावित होंगी?
दिल्ली मेट्रो ट्रेन सेवा- मेट्रो सेवा सामान्य रूप से चलती रहेंगी। कुछ स्टेशनों पर कुछ रुकावटें आ सकती हैं, क्योंकि उनके आसपास अभ्यास चल रहा है।
डीटीसी बसें- सभी शिफ्टों में बसें चलेंगी। मॉक ड्रिल वाले स्थानों के पास की सड़कों का रास्ता बदलने या बंद करने की वजह से कुछ मार्गों पर जरूर थोड़ी दिक्कत आ सकती है।
कैब, टैक्सी व ऑटो- ओला और उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के साथ ही स्थानीय ऑटो-रिक्शा चलते रहेंगे। हालांकि, मॉक ड्रिल वाले स्थानों पर यात्रियों को कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इसका असर बेहद कम दिखाई देने की उम्मीद है।
उधर भारतीय सुरक्षाबलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर का जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जिन नौ ठिकानों पर कार्रवाई की गई, उनमें से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। वायुसेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि इन ठिकानों पर स्वास्थ्य केंद्रों की आड़ में आतंकी ठिकाने संचालित हो रहे हैं, ताकि इनका पता नहीं चल सके। बता दें कि पहलगाम हमले के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य कार्रवाई की गई। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।