स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के घर पहुंच रही दिल्ली पुलिस, ‘नई दिशा’ पहल का क्या मकसद
दिल्ली पुलिस ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम करने और स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाने के मकसद से ‘नई दिशा’ नाम से नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत पुलिस कर्मी उन बच्चों के घर जा रहे हैं जो स्कूल छोड़ चुके हैं।

दिल्ली पुलिस ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम करने और स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाने के मकसद से ‘नई दिशा - ए पाथ बैक टू लर्निंग’ नाम से नई पहल शुरू की है। अधिकारियों ने बताया कि इस पहल के तहत पुलिस कर्मी उन बच्चों के घर जा रहे हैं जो स्कूल छोड़ चुके हैं। पुलिस कर्मी उनके घर जाकर बच्चों एवं उनके परिवार से सीधे संपर्क कर रहे हैं, ताकि स्कूल छोड़ने के कारणों का पता लगाया जा सके और उन्हें फिर से अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम दिल्ली पुलिस की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हर बच्चे को शिक्षा का दूसरा मौका दिया जाए।
डीसीपी (ईस्ट) अभिषेक धानिया ने कहा, ‘‘यह कदम सिर्फ कानून लागू करने से कहीं ज्यादा है। यह मार्गदर्शन और विश्वास बनाने के बारे में है।''
पुलिस अधिकारी स्थानीय स्कूलों, गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ कॉर्डिनेट कर विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाएं प्रदान कर रहे हैं - जिनमें दाखिले की सुविधा से लेकर इमोशनल काउंसलिंग और शैक्षणिक सहायता प्रदान करना शामिल है।
डीसीपी ने बताया कि आर्थिक तंगी, घरेलू समस्याओं या व्यक्तिगत असफलताओं के कारण स्कूल छोड़ चुके कई छात्र अब क्लासों में वापस लौटने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ दरवाजे नहीं खटखटा रहे हैं, बल्कि उन्हें खोल भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पुलिसिंग में बदलाव का प्रतीक है - "सुरक्षा से सशक्तिकरण की ओर।" इस पहल की सफलता को देखते हुए दिल्ली पुलिस इसे अन्य जिलों में भी बढ़ाने की योजना बना रही है।