एक तो बच गया होता, पाकिस्तान के हमले में चली गई जुड़वा भाई-बहन की जान; सदमे में परिवार
पुंछ में पाकिस्तान की तरफ से की गई गोली बारी में जुड़वा भाई-बहनों की भी मौत हो गई थी। बच्चों के मां-बाप बुरी तरह घायल हो गए थे। उनका परिवार अब भी सदमे में है।

पहलगाम हमले के बााद जब भारत ने आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत किया तो बौखलाया पाकिस्तान सीमा पार से गोलीबारी करने लगी। पाकिस्तान ने आम लगों को निशाना बनाना शुरू किया। पाकिस्तानी हमले में पुछ शहर में रहने वाले दो जुड़वा भाई-बहन भी मारे गए। आज उनका पूरा परिवार सदमे में है। जुड़वा भाई बहन जैन अली और उर्वा फातिमा की एक पाकिस्तानी बम ने जान ले ली।
ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद जब पाकिस्तान ने फायरिंग शुरू की तो सीमा से सटे इलाके के लोगों की नींद उड़ गई। सुबह के 6 बजे ही जैन और उर्वा के मामा उन्हें घर से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए पहुंचे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की मौसी ने बताया कि उर्वा का हाथ मां ने पकड़ रखा था और जैन का हाथ पिता ने थाम रखा था। तभी अचनाक बम फटा और जैन और उर्वा दोनों बुरी तरह घायल हो गए।
उर्वा की मां ने देखा कि जैन दूर पड़ा हुआ है। वहां एक शख्स किसी तरह उसकी सांस चलाने की कोशिश कर रहा है। जैन और उर्वा के पिता भी बुरी तरह घायल हो गए थे। पिता रमीज को अस्पताल ले जाया गया। रमीज को बाद में पता चला कि उर्वा और जैन अब इस दुनिया में नहीं हैं। बच्चों की मां भी घायल हैं और अस्पताल में इलाज चल रहा है।
नजदीक स्कूल में ही रमीज ने दोनों बच्चों का ऐडमिशन करवाया था। एक दिन पहले दोनों स्कूल से आए और होमवर्क करने के बाद खाकर सो गए थे। पुंछ में क्राइस्ट स्कूल के पास बम गिरा था। वहीं दोनों बच्चों की मौत हो गई ती। विदेश सचिव ने बताया था कि पुंछ में पाकिस्तान की गोलीबारी में 16 आम लोगों की मौत हो गई थी।