कौन हैं वाइस एडमिरल प्रमोद, एयर मार्शल भारती? पाकिस्तान की नींदें उड़ा देगी उनकी चेतावनी
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद, एयर मार्शल एके भारती, और लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दुनिया के सामने रखा।

पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर रविवार को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान तीनों सेनाओं के संचालन महानिदेशकों ने मीडिया को संबोधित किया। इस प्रेस वार्ता में वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती, सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और नौसैनिक संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद मौजूद रहे। तीनों सैन्य अधिकारियों ने अपनी नेतृत्व क्षमता और दृढ़ संकल्प के साथ न केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में बताया, बल्कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश भी दिया, जो उसकी रातों की नीदें उड़ा सकता है।
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद – नौसैनिक संचालन महानिदेशक
वाइस एडमिरल AN प्रमोद ने 15 जनवरी 2024 को भारतीय नौसेना संचालन के महानिदेशक का पद संभाला था। वे गोवा स्थित नेवल अकादमी के 38वें इंटीग्रेटेड कैडेट कोर्स के पूर्व छात्र हैं और जुलाई 1990 में नौसेना में कमीशन हुए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, “पहल्गाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हमारी नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप, सबमरीन, सरफेस फोर्स और एविएशन यूनिट्स को उत्तरी अरब सागर में पूरी युद्धक तैयारियों के साथ तैनात किया गया।”
नौसैन्य अभियान महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि नौसैनिक बल उत्तरी अरब सागर में अग्रिम मोर्चे पर ‘‘निरोधक और प्रतिरोधक’’ मुद्रा में तैनात हैं तथा वे कराची सहित समुद्र व जमीन पर हमारे द्वारा चुने गए समय पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। नौसैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएनओ) ने आगे बताया कि नौसेना ने आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियारों से गोलीबारी के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण किया।
उन्होंने बताया, ‘‘इसका उद्देश्य हमारे चालक दल, आयुध, उपकरण और प्लेटफॉर्म की तत्परता को पुनः प्रमाणित करना था, ताकि चयनित लक्ष्यों पर विभिन्न आयुधों को सटीकता से गिराया जा सके।’’ डीजीएनओ ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद वाहक युद्ध समूह को अरब सागर में तैनात किया गया गया। वाहक युद्ध समूह एक नौसैनिक बेड़ा होता है, जिसमें एक विमानवाहक और उसके साथ आने वाले जहाज शामिल होते हैं। वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए बाध्य किया, जो ज्यादातर बंदरगाहों के अंदर या उनके तट के बहुत करीब थी।
उन्होंने बताया, ‘‘भारतीय नौसेना ने पूरे समय समुद्री क्षेत्र में निर्बाध जागरूकता बनाए रखी और पाकिस्तानी इकाइयों की स्थिति व आवाजाही के बारे में पूरी तरह से जागरूक रही।’’ डीजीएनओ ने बताया, ‘‘भारत के सुविचारित दृष्टिकोण के तहत, हमने समुद्र से और समुद्र के अंदर आक्रामक कार्रवाई करने की भारतीय नौसेना की क्षमता सहित सभी विकल्पों पर विचार किया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘तनाव नियंत्रण तंत्र के एक भाग के रूप में नौसेना द्वारा बल प्रयोग की योजना थलसेना और वायुसेना के साथ समन्वयपूर्वक बनाई गई, जिसका मुख्य आकर्षण तीनों सेनाओं की टीम थीं, जो एकीकृत तरीके से मिलकर काम कर रही थीं।’’ वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया, ‘‘भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना की गतिशील कार्रवाइयों के साथ-साथ समुद्र में भारतीय नौसेना की जबरदस्त अभियानगत क्षमता के चलते कल पाकिस्तान को तत्काल संघर्षविराम का अनुरोध करना पड़ा।’’ उन्होंने साफ संदेश देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान फिर से कोई हिमाकत करता है, उसे पता है कि हम क्या कर सकते हैं।
एयर मार्शल एके भारती – वायु संचालन महानिदेशक
एयर मार्शल ए.के. भारती भारतीय वायुसेना में संचालन महानिदेशक हैं। भारती को जून 1987 में फ्लाइंग ब्रांच में कमीशन मिला था। उन्होंने अक्टूबर 2024 में डीजी एयर ऑपरेशन का पदभार संभाला। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य दुश्मन के ठिकानों पर प्रभावी हमला करना था, न कि शवों की गिनती करना। ये काम उनका (पाकिस्तान) है। हमने जो साधन और तरीके चुने, उन्होंने दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया।”
एयर मार्शल एके भारती ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम लड़ाई की स्थिति में हैं और नुकसान लड़ाई का हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या हमने आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है? इसका जवाब है, हां।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, वे हासिल कर लिए हैं और हमारे सभी पायलट सुरक्षित रूप से घर वापस आ गए हैं।’’ अधिकारी से विदेशी मीडिया में भारतीय लड़ाकू विमानों के नुकसान के बारे में आई खबरों के बारे में पूछा गया था।
एक सवाल के जवाब में एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि भारत ने निश्चित रूप से कुछ पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया है, लेकिन उन्होंने संख्या के बारे में कोई अनुमान लगाने से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘उनके (पाकिस्तान) विमानों को हमारी सीमा के अंदर घुसने से रोक दिया गया। इसलिए हमारे पास मलबा तो नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से हमने कुछ विमानों को मार गिराया है।’’
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई – सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO)
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई वर्तमान में भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक हैं। उन्होंने 25 अक्टूबर 2024 को यह पदभार संभाला था। इससे पहले वे चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GoC) रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के DGMO से 10 मई को दोपहर 3:35 बजे हॉटलाइन पर बातचीत हुई, जिसके बाद 5:00 बजे से संघर्षविराम पर सहमति बनी। लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन कर दिया। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान ने दोबारा उल्लंघन किया, तो भारतीय सेना पूरी ताकत से जवाब देगी। सेना प्रमुख ने हमारे कमांडर को पूरी कार्रवाई की छूट दी है।” ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें युसूफ अजहर, अब्दुल मालिक रऊफ, मुदस्सिर अहमद जैसे कई हाई वैल्यू आतंकवादी मारे गए। कुल 9 आतंकवादी ठिकानों को अत्यधिक सटीक हथियारों से निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल घई ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से अपनी जान गंवाने वाले’’ पांच भारतीय नायकों और नागरिकों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब तक काफी संयम बरता है और हमारी कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और तनाव को बढ़ावा नहीं देने वाली रही है। हालांकि, हमारे नागरिकों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का निर्णायक ढंग से पूरी ताकत से मुकाबला किया जाएगा।’’
महानिदेशकों की भूमिका
भारतीय सशस्त्र बलों में ‘संचालन महानिदेशक’ का पद सामरिक और रणनीतिक स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। वे सीमाओं पर और देश के अंदर सभी सैन्य अभियानों की निगरानी करते हैं। विदेशी समकक्षों से संवाद, युद्ध की रणनीति बनाना, आतंकवाद-रोधी अभियानों का संचालन और जरूरत पड़ने पर युद्ध का संचालन भी उनकी जिम्मेदारी में आता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)