फसल अवशेष जलाने पर जिले के चार किसानों पर केस दर्ज
पलवल में जिला प्रशासन ने पराली और फसल अवशेष जलाने के मामलों पर सख्त कार्रवाई की है। किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कृषि विभाग ने किसानों को आगजनी रोकने के लिए जागरूक करने और उचित कदम उठाने का...

पलवल। जिला प्रशासन पराली व फसल अवशेष जलाने के प्रति सख्त है। फसल की कटाई के उपरांत किसानों द्वारा अगली फसल की तैयारी के उद्देश्य से अपने खेतों में आगजनी कर फसल अवशेष जलाने के मामलों पर कड़ा संज्ञान लिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से जिले के अमरौली, हसनपुर व रसूलपुर गांव में फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आए।जिला प्रशासन की टीम ने जब उक्त गांवों में जाकर निरीक्षण किया तो अमरौली गांव के किसान जोगेंद्र, हसनपुर के किसान बोधराज व पिंकी एवं रसूलपुर गांव के किसान इंद्राज के खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। डीसी ने कहा कि आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग की खंड स्तरीय टीम तैनात की गई है साथ ही गांवों के नंबरदारों और सरपंचों से भी अनुरोध किया गया है कि आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर आवश्यक कदम उठाते हुए गांव में मुनादी कराकर किसानों को जागरूक करें। किसानों की जागरूकता से ही इस प्रकार की घटनाओं में कमी लाकर इन्हें रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान आगजनी की घटना में लिप्त पाया जाता है तो चालान से लेकर एफआईआर तक दर्ज करने का प्रावधान है। जिसमें 2 एकड़ से कम भूमि या प्रति घटना पर 5 हजार रुपए, 2-5 एकड़ या प्रति घटना पर 10 हजार रूपए तथा तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान पर प्रति घटना के लिए 30 हजार का जुर्माना देना होगा। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल अवशेष को चारे के रूप में इस्तेमाल में लें या एमबी प्लाऊ मशीन से जमीन में ही मिलाकर उसका प्रबंधन करें।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।