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स्मार्ट में पौधरोपण कम होने से घट रही हरियाली

विश्व पृथ्वी दिवस : फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। पौधरोपण कम होने से स्मार्ट सिटी की

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादTue, 22 April 2025 12:25 AM
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स्मार्ट में पौधरोपण कम होने से घट रही हरियाली

विश्व पृथ्वी दिवस : फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। पौधरोपण कम होने से स्मार्ट सिटी की हरियाली लगातार कम हो रही है। जिले तेजी से हो रहे विकास कार्यों के अलावा ग्रीन बेल्ट और अरावली वन क्षेत्र अवैध कब्जे मुख्य कारण हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव जलवायु सहित विभिन्न क्षेत्रों में पड़ रहा है।

जिला वन विभाग हर वर्ष मानसून के दौरान फरीदाबाद को हराभरा बनाने के लिए पौधरोपण अभियान चलाता है। इसके लिए बाकायदा लक्ष्य निर्धारित होता है। तीन वर्षों के आंकड़ों के अनुसार पौधे रोपने की संख्या में गिरावट आ रही है। वन विभाग ने वर्ष 2023 में दो लाख 25 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जोकि पिछले वर्ष घटकर एक लाख 54 हजार कर दिया गया। इस वर्ष भी पौधरोपण के लक्ष्य को घटाकर एक लाख चार हजार 50 कर दिया गया है। यह एक बड़ी वजह से भी स्मार्ट सिटी में बारिश अपने समय पर नहीं होती है। वहीं कड़ाके ठंड अब 15 से 20 दिन की रह गई है। इसके अलावा फसलें भी पूरी तरह विकसित होने से पहले ही पककर तैयार हो जाती हैं।

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यह कारण है हरियाली कम होने के

स्मार्ट सिटी में विकास कार्यों की वजह से पौधे लगाने के लिए जगह कम होती जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग के छह लेन होने से पूर्व डिवाइडर पर अच्छी संख्या में पौधे लगाए जाते थे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर दूर तक हरियाली दिखाई देती थी। राष्ट्रीय राजमार्ग के छह लेन कार्य में कई हजार पौधों को काटा गया था। इसी प्रकार बाईपास के डिवाइडर पर भी अच्छी खासी संख्या में पेड़ दिखाई देते थे। वहां पर भी डीएनडी केएमपी एक्सप्रेस-वे का निर्माण के लिए कई पेड़ों को काटा गया था। इसके अलावा स्मार्ट सिटी के सेक्टरों, सड़कों के किनारे बनाई गई ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जे हो गए हैं। इसके अलावा फरीदाबाद में 7530 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले अरावली वन क्षेत्र पर भी अवैध कब्जे हो रहे हैं। यहां पर वनों को काटकर खोरी, जमाई जैसी कॉलोनी बसा दी गई। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में अवैध फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल सहित भवन बने हुए हैं। इन अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट को आदेश देने पड़ते हैं। उसके बाद भी अवैध निर्माणों के खिलाफ तोड़फोड़ के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। इसके अलावा पौधों को सुरक्षित रखने के लिए उन पर ट्री गार्ड नहीं लगाए जाते हैं। ऐसे पौधों को आवारा पशु खा जाते हैं।

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पेड़ काटे लेकिन पौधे नहीं लगाए

डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेस वे को विकसित करने के लिए जैतपुर पुस्ता बॉर्ड से कैल गांव के आगे तक करीब 5500 पेड़ काटे गए थे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पौधे लगाने के लिए पांच करोड़ रुपये एचएसवीपी को दिए थे। इसका खुलासा आरटीआई में हुआ है। अजय बहल का आरोप है कि एचएसवीपी ने पौधरोपण नहीं किया है। यदि पौधरोपण किया होता तो एचएसवीपी आरटीआई में पौधरोपण की भी जानकारी देता।

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नगर निगम क्षेत्र में हर वर्ष अच्छी संख्या में पौधे लगाए जाते हैं। इस वर्ष भी मानसून में लगाए जाएंगे।इसके अलावा पौधों को वृक्ष बनने तक नियमित रूप से पानी भी दिया जाता है।

-ए मोना श्रीनिवास, निगमायुक्त

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वन विभाग हर वर्ष पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित करता है। इस वर्ष अभी तक एक लाख चार हजार 50 पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा एक लाख से अधिक पौधों का वितरण किया जाता है। वहीं एक लाख सीड्स बॉल भी अरावली वन क्षेत्र में फेंके जाते हैं। अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और कोर्ट के आदेश पर तोड़फोड़ भी की जाती है।

-राजकुमार, कार्यकारी जिला वन अधिकारी

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