उत्तराखंड में फर्जी आधार-वोटर कार्ड बनाने वालों पर होगा सख्त ऐक्शन, नौकरी तक चली जाएगी
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य की सुरक्षा से जुड़ा विषय है। इसमें कोई समझौता नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने दोनों मंडल आयुक्तों को निर्देश दिए कि वे स्वयं फील्ड में जाकर इन निर्देशों की प्रगति का भौतिक सत्यापन करें।

उत्तराखंड में गलत तरीके से अपात्र और संदिग्ध लोगों को आधार कार्ड, वोटर आईडी समेत बिजली- पानी के कनेक्शन देने वाले कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। सोमवार को जिलाधिकारियों को वर्चुअल बैठक में निर्देश देते हुए सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि राज्य सुरक्षा से जुड़े विषय पर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपात्र लोगों को इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले कर्मचारियों को निलंबित करने के बाद उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। साथ ही बाहरी लोगों, संदिग्ध गतिविधियों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य की सुरक्षा से जुड़ा विषय है। इसमें कोई समझौता नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने दोनों मंडल आयुक्तों को निर्देश दिए कि वे स्वयं फील्ड में जाकर इन निर्देशों की प्रगति का भौतिक सत्यापन करें। आगामी समीक्षा बैठक से पूर्व सभी कार्यों की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जन शिकायतों का तत्काल समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। साथ ही जिलाधिकारी नियमित जन सुनवाई करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को अनावश्यक रूप से दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। ई-सेवाओं के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक लाभ दिया जाए। धामी ने कहा कि अनावश्यक रूप से कार्यों में लेटलतीफी करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।
बिजली बिलों को लेकर आ रही दिक्कतें दूर हों
धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली बिलों में आ रही दिक्कतों को जल्द दूर किया जाए। बिलों को ठीक कराने को बेवजह अफसरों के चक्कर न काटने पड़ें। कहा कि बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के काम में तेजी लाई जाए।
अवैध बस्तियों में जमकर खर्च हो रही विधायक निधि
सरकार ने राज्य में अनधिकृत रूप से दिए जाने वाले बिजली-पानी के कनेक्शनों को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए हैं। दूसरी ओर, राज्य में सैकड़ों की संख्या में नदी-नालों समेत सरकारी जमीन पर बसी अवैध बस्तियों में विधायक निधि से लेकर जिला योजना और राज्य योजना तक की धनराशि जमकर खर्च की जा रही है। न केवल बिजली-पानी की लाइनें बिछाई जा रही हैं, बल्कि बिजली के सब स्टेशन, स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक विद्यालय तक का निर्माण इन बस्तियों में किया गया है।
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