बालू घोटाला: खनन अधिकारी ने ठेकेदारों का 33 करोड़ का जुर्माना 33 लाख में सेट किया, अब गिरी गाज
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि खान आयुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व से प्रस्तावित दर पर ही राशि वसूली का आदेश दिया है। इसके साथ ही पहले से निलंबित चल रही जिला खनन पदाधिकारी निधि भारती पर विभागीय कार्यवाही करते हुए कड़ी सजा का निर्देश दिया गया है।

गया जिले के चार बालू घाट संवेदकों से दो साल पुराने मामले में 30.69 करोड़ रुपये जुर्माना की वसूली होगी। साथ ही जुर्माना राशि को 33 लाख तक घटा देने वाली आरोपित तथा निलंबित जिला खनन पदाधिकारी निधि भारती के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही होगी। सोमवार को खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री सह उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खान आयुक्त के न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए फरवरी से जून 2023 के बीच गया के चार बालू क्लस्टर खिजरसराय, बैजूधाम, बनाही एवं महुआमा और विष्णुबिगहा में बालू उत्खनन की जांच कराई थी।
जिसमें मिली अनियमितता के बाद खिजरसराय बालूघाट के संचालक मेसर्स जय भगवती माइंस पर करीब 19.35 करोड़, बैजूधाम बालूघाट के संचालक रंजीत कुमार पर 8.14 करोड़, बनाही एवं महुआमा बालूघाट के संचालक मेसर्स मलिक ट्रांसपोर्ट पर करीब 3.28 करोड़ और विष्णु विगहा बालूघाट के संचालक रामजी प्रसाद सिन्हा पर 48.83 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने के खिलाफ घाट संवेदक हाईकोर्ट भी गये, लेकिन सभी मामलों में परिवाद अमान्य करार दिए गए।
मंत्री ने बताया कि गया की तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी निधि भारती ने उस वर्ष मानसून के बाद अधिरोपित जुर्माना की राशि को आश्चर्यजनक रूप से संशोधित कर बेहद कम मात्र 33 लाख कर दिया। यह राजस्व सग्रहण को प्रभावित करने के साथ ही नियमों की भी प्रत्यक्ष अवहेलना का मामला है। मामला संज्ञान में आते ही नवंबर 2024 में खान निदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित कर मामले की पुन: जांच शुरू की गयी। इस समिति ने दिसंबर 2024 में अपनी रिपोर्ट दी।