राजकीय विद्यालयों के छात्रों को भी प्रशिक्षण देंगे खेल विभाग के प्रशिक्षक
फरीदाबाद के स्मार्ट सिटी के राजकीय विद्यालयों के छात्रों को खेल विभाग के प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मुख्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। इस पहल से छात्रों की...

फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी के राजकीय विद्यालयों के छात्रों को अब खेल विभाग के प्रशिक्षक प्रशिक्षित करेंगे। इसे लेकर शिक्षा निदेशालय ने भी प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। इससे राजकीय विद्यालयों के छात्रों की खेल प्रतिभा में निखार आएगा। प्रदेश सरकार राजकीय विद्यालयों में शिक्षा स्तर को सुधारने के साथ खेल के क्षेत्र में भी बेहतर करने का प्रयास कर रही है। इसके तहत कई तरह के प्रयोग एवं योजना बनाई जा रही हैं। इस बार जिला शिक्षा विभाग को खेल उपकरणों एवं मैदानों की दशा सुधारने के लिए 84 लाख रुपये का बजट जारी किया है। इसी क्रम में अब छात्रों को स्कूल में खेल का माहौल देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके तहत खेल विभाग के प्रशिक्षक सप्ताह में एक दिन छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए विद्यालयों में जाएंगे। आने वाले दिनों में राजकीय विद्यालयों के छात्र एवं छात्राएं कबड्डी, खो-खो, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, कुश्ती, टेबल टेनिस सहित कई खेलों का प्रशिक्षण ले सकेंगे। शिक्षा निदेशालय की इस योजना को ग्रीष्म अवकाश के बाद अमल में लाया जाएगा।
अभी रहता है असंतुष्ट परिणाम
स्मार्ट सिटी के करीब 40 से अधिक विद्यालयों में खेल के मैदान हैं, लेकिन रख-रखाव के अभाव में उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा। इसके अलावा स्कूलों में खेल को लेकर अनुकूल माहौल नहीं है। इसके चलते हर वर्ष जिला शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाली खेल-कूद प्रतियोगिताओं में राजकीय विद्यालयों के छात्र एवं छात्राएं पिछड़ जाते हैं। हर बार निजी विद्यालय के छात्र ही अपना परचम लहराते हैं। पिछले सत्र में राजकीय विद्यालयों के छात्र केवल एथलेटिक्स, खो-खो, कबड्डी, रस्साकशी जैसे खेलों में ही अव्वल आए थे, जबकि निजी विद्यालयों के छात्र जिम्नास्टिक, बास्केटबॉल, फेंसिंग, स्केटिंग, तीरंदाजी, हॉकी, टेबल टेनिस, लॉन टेनिस, चेस जैसे अन्य खेलों में बाजी मारते हैं।
इन खेलों का दिया जाएगा प्रशिक्षण
जिला खेल विभाग के पास वर्तमान में टेबल टेनिस, हॉकी, फुटबाॅल, बास्केटबॉल, जिम्नास्टिक, बॉक्सिंग, कुश्ती, कबड्डी के प्रशिक्षक हैं। छात्रों को इन खेलों का प्रशिक्षण दिया जाना तय है। बता दें कि प्रत्येक विद्यालय में अलग-अगल खेल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यदि किसी विद्यालय के छात्र जिम्नास्टिक में रुचि रखते हैं, तो वह सिर्फ इसी खेल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी अन्य खेल का प्रशिक्षण नहीं दिया जाएगा।
नए नियमों से होंगे अवगत
स्मार्ट सिटी के राजकीय विद्यालयों में 32 डीपीई और 20 पीटीआई कार्यरत हैं। इनकी ड्यूटी विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले खेलों ही लाई जाती है। इसके बाद वह पूरे वर्ष खेलों से अछूते रहते हैं। इसके चलते उन्हें खेलों के नए नियमों से अवगत होने का मौका नहीं मिल पाता। वहीं दूसरी ओर खेल विभाग के प्रशिक्षक पूरे वर्ष विभिन्न स्तर के खेलों में ड्यूटी लगती है। इसके अलावा उनके पास एसोसिएशन एवं ओलंपिक संघ द्वारा नई नियमावली भी भेजी जाती है। इससे वह अपडेट होते हैं। राजकीय विद्यालयों में इनके प्रशिक्षण देने से छात्रों के साथ डीपीई एवं पीटीआई को भी लाभ मिलेगा। वह भी नए नियमों से भी अवगत होंगे।
खेल नर्सरी शुरू करने की भी है योजना
इस बार प्रदेश सरकार ने राजकीय विद्यालयों को खेल नर्सरी योजना से भी जोड़ने का प्रयास किया है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में खेल नर्सरी खोली जानी है। स्मार्ट सिटी के 10 से अधिक विद्यालयों ने नर्सरी के आवेदन किया है। इन्हें जल्द ही अलॉट किया जाएगा। इसके शुरू होने से भी खेल व्यवस्थाएं बेहतर होंगी।
शिक्षा निदेशालय ने अच्छी पहल की है। जल्द ही खेल अधिकारी के साथ बैठक करेंगे और प्रशिक्षकों को भेजने के लिए आग्रह करेंगे। इससे बच्चों में खेल प्रति रुझान बढ़ेगा और वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं के परिणाम में भी सुधार होगा। डीपीई एवं पीटीआई अपग्रेड रहेंगे।ग्रीष्म अवकाश के बाद हर हाल में लागू किया जाएगा।
-अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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