गाजियाबाद में 20 साल बाद 65 फीसदी फ्लैट भी नहीं बने,बिल्डरों पर अब होगी कार्रवाई
गाजियाबाद में इंटीग्रेटेड टाउनशिप का लाइसेंस लेने वाले बिल्डरों ने करीब 20 साल बाद भी 65 फीसदी फ्लैट नहीं बनाए। जीडीए की ओर से अब ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैट नहीं बनाने वाले बिल्डरों पर सख्ती की जाएगी।

गाजियाबाद में इंटीग्रेटेड टाउनशिप का लाइसेंस लेने वाले बिल्डरों ने करीब 20 साल बाद भी 65 फीसदी फ्लैट नहीं बनाए। जीडीए की ओर से अब ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैट नहीं बनाने वाले बिल्डरों पर सख्ती की जाएगी। इन्हें प्रोजेक्ट कंप्लीशन सर्टिफिकेट तब तक नहीं दिया जाएगा, जब तक ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैट भी तैयार नहीं होंगे।
शासन स्तर से वर्ष 2005 में बिल्डरों को इंटीग्रेटेड टाउनशिप का लाइसेंस मिला था। इसमें गाजियाबाद में सात बिल्डर शामिल थे। लाइसेंस खत्म होने की समयावधि 2022 थी। लाइसेंस के तहत बिल्डरों को कई तरह की सुविधाएं मिलीं, लेकिन इसके बदले इन्हें प्रोजेक्ट में फ्लैट के दस फीसदी ईडब्ल्यूएस और एलआईजी बनाने थे।
लाइसेंस मिलने के बाद बिल्डरों ने प्रोजेक्ट शुरू कराए और शासन से मिलने वाले लाभों को लेते हुए प्रोजेक्ट तैयार कर लिए, लेकिन इनमें एक बिल्डर को छोड़कर बाकी ने अब तक प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी पूरी तरह नहीं बनाए। जबकि टाउनशिप को पूरा करने की अवधि करीब दो साल पहले खत्म हो चुकी है। ऐसे में जीडीए की तरफ से रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जा चुकी है। साथ ही इन बिल्डरों के साथ बैठक कर उन्हें प्रोजेक्ट में इन मकानों को पूरा बनाने के निर्देश भी दिए।
अब जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अधिकारियों से प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ईडब्ल्यूएस और एलआईजी नहीं बनाने वाले बिल्डरों पर सख्ती करने को कहा है। इन्हें प्रोजेक्ट कंप्लीशन सर्टिफिकेट तब तक नहीं दिया जाएगा, जब तक ये फ्लैट भी तैयार नहीं होंगे।