गाजियाबाद:चढ़ते पारे ने अस्पतालों में बढ़ाई मरीजों की संख्या,उल्टी-दस्त से जूझ रहे लोग
- जिले के सरकारी अस्पतालों में डायरिया (उल्टी-दस्त) के मामले बढ़ रहे हैं। शनिवार को अस्पतालों में 200 से अधिक डायरिया के मरीज पहुंचे। इनमें से 12 मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी। अप्रैल माह की शुरुआत से ही तापमान ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए।

जिले के सरकारी अस्पतालों में डायरिया (उल्टी-दस्त) के मामले बढ़ रहे हैं। शनिवार को अस्पतालों में 200 से अधिक डायरिया के मरीज पहुंचे। इनमें से 12 मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी। अप्रैल माह की शुरुआत से ही तापमान ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। मौसम में बदलाव से खांसी के साथ उल्टी-दस्त और पेट में दर्द के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। पिछले कई दिनों से पारा 40 डिग्री के आसपास है।
हीट स्ट्रोक की भी शिकायत मिलने लगीं है। ऐसे में गलत खानपान के कारण लोग डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं। एमएमजी अस्पताल में शनिवार को 1,200 नए मरीजों का पंजीकरण हुआ। जबकि पांच सौ पुराने मरीज उपचार के लिए पहुंचे। नए मरीजों में 600 महिलाएं, 350 पुरुष और 250 बच्चे थे। अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि ओपीडी में ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त और पेट दर्द की समस्या लेकर आ रहे हैं। इनसे कई मरीजों को भर्ती किया गया।
इसी तरह संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल में भी 844 मरीज ओपीडी में पहुंचे। इनमें 400 महिलाएं, 224 पुरुष और 150 बच्चे थे। फिजिशियन डॉ. राहुल वर्मा ने बताया कि उनके पास उल्टी-दस्त के भी मरीज आ रहे हैं। इन्हें ओपीडी से ही उपचार उपलब्ध कराया गया। जबकि गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
एमएमजी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन उपाध्याय ने बताया कि खानपान की वजह से बच्चों में पेट दर्द और डायरिया की परेशानी देखने को मिल रही है। 80 प्रतिशत बच्चे इस इस समय इसी समस्या से पीड़ित आ रहे हैं। उन्होंने डायरिया से बचने के लिए इस मौसम में पानी को उबालकर पीने और बाहर के खाने से परहेज करने करने की सलाह दी है।
डॉक्टरों का मानना है कि अधिकतर मामलों में कटे फल और बाहर का खाना खाने की वजह से मरीजों में पेट की समस्या बढ़ रही है। दिन में गर्मी के समय लोग सड़क किनारे रेहड़ी,पटरी,ठेलियों पर खाना खा लेते हैं। मौसम में आए बदलाव के कारण अब कई खाने की सामग्री गर्मी के कारण खराब होनी शुरू हो गई है। इसे खाने के बाद पेट दर्द और उल्टी-दस्त की समस्याएं पैदा हो रही है।