आवंटियों को दो माह के अंदर भूखंड मिल जाएंगे
गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम में श्मशान के पास मिले भूखंड अब आवंटियों को दूसरी जगह हस्तांतरित किए जाएंगे। जीडीए ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है और मई तक भूखंड आवंटित करने का दावा किया है। आवंटियों को...

गाजियाबाद। मधुबन बापूधाम में श्मशान के पास मिले भूखंड दो महीने के अंदर दूसरी जगह आवंटी होंगे। जीडीए अधिकारियों ने इसका लेआउट तैयार कर भूखंड हस्तांतरित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। जीडीए का दावा है कि मई महीने तक इन्हें शिफ्ट कर आवंटित कर दिया जाएगा। वर्ष 2011 में जीडीए ने मधुबन बापूधाम योजना के विभिन्न पॉकेट में करीब 1,863 भूखंडों की योजना निकालीं। इच्छुक खरीदारों ने फॉर्म भरें और उन्हें प्रक्रिया पूरी कर भूखंड आवंटन कर दिए। इसी दौरान करीब 373 आवंटियों को श्मशान और कब्रिस्तान के पास भूखंड आवंटित किए। इन आवंटियों ने प्राधिकरण में सारा पैसा जमा कराके रजिस्ट्री भी करा ली। मौके पर पहुंचने पर आवंटियों को पता चला कि यह भूखंड श्मशान व कब्रिस्तान के पास है। फिर उन्होंने प्राधिकरण में आपत्ति लगाते हुए भूखंड सरेंडर करने या इनका हस्तांतरण कराने की बात कही। करीब दो वर्ष पूर्व जीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष ने इन्हें हस्तांतरण करने का आश्वासन देते हुए योजना तैयार कराई। फिर संपत्ति, अभियंत्रण व नियोजन अनुभागों ने इसकी योजना बनाई। इस योजना का पूरा लेआउट तैयार कर लिया है। पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में इन्हें मंजूरी मिलने के बाद अब इन आवंटियों को जल्द दूसरी जगह भूखंड हस्तांतरित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
13 साल बाद मिलेंगे भूखंड
इन आवंटियों को 13 साल बाद भूखंड मिल सकेंगे। ऐसे में आवंटियों में काफी खुशी है। आवंटी विनोद कुमार बताते हैं कि श्मशान के पास जब भूखंड देखा था तो काफी निराशा हुई थी। लेकिन अब भूखंड शिफ्ट किए जाना अच्छा फैसला है। यदि नई जगह भूखंड दे देते हैं तो वह जल्द ही उसपर मकान बनाएंगे। वहीं, आवंटी राजेंद्र गर्ग बताते हैं कि उन्होंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन अब कुछ उम्मीद जगी है।
पार्क या बिजलीघर बनेगा
जीडीए अधिकारी बताते हैं कि श्मशान के पास काटे गए भूखंडों को हस्तांतरित करने के बाद इन स्थान पर पार्क, हरित पट्टी, सामुदायिक केंद्र या बिजलीघर बनाया जा सकता है। हालांकि अभी इसपर कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्राधिकरण पहले चरण में भूखंड हस्तांतरित करेगा। इसके बाद इस जमीन का किस तरह प्रयोग करना है। उसको लेकर कमेटी मंथन करेगी। ताकि इस जमीन का भी सकारात्मक प्रयोग किया जा सके।
ईएमआई और किराया देना पड़ रहा
इस योजना में अपना आशियाना बनाने का सपना संजोए बैठक यह आवंटी खुद को ठगा महसूस कर रहे थे। जिन लोगों ने लोन लेकर भूखंड खरीदा था, वह ईएमआई दे रहे हैं। साथ ही जिस घर में रह रहे हैं, वह किराये का होने की वजह से किराया भी जा रहा है। ऐसे में श्मशान व कब्रिस्तान के पास भूखंड मिलने से परेशान आवंटी अपना घर नहीं बनाने से परेशान है।
पूर्व में भी श्मशान के पास आवंटियों को भूखंड आवंटित नहीं करने चाहिए थे। लेकिन अब इन्हें हस्तांतरित करना अच्छी खबर है। इन्हें जल्द नई जगह भूखंड आवंटित किए जाए।
-राजेंद्र कुमार शर्मा, अध्यक्ष, मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसाइटी
मधुबन बापूधाम योजना तेजी से विकसित हो रही है। श्मशान के पास आवंटित भूखंड हस्तांतरित जल्द होंगे। बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद हस्तांतरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
-अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए
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