चिकित्सक पर महिला मरीज का उपचार नहीं करने का आरोप
गाजियाबाद की लोनी की एक महिला ने सर्जन पर उपचार ना देने का आरोप लगाया। महिला ने सीने में गांठ की समस्या के लिए जांच कराई, लेकिन डॉक्टर ने रिपोर्ट को संदिग्ध मानते हुए दूसरी जांच कराने को कहा। महिला के...

गाजियाबाद। लोनी की महिला मरीज ने बुधवार को सामान्य सर्जन पर उपचार ना देने का आरोप लगाया। निजी केंद्र से महिला के सीने का अल्ट्रासाउंड भी डॉक्टर ने मामने से इनकार कर दिया। हालांकि चिकित्सक ने जांच रिपोर्ट को संदिग्ध बताते हुए दोबारा जांच कराने की बात कही है। लोनी के मीरपुर हिन्दू निवासी दुष्यंत की पत्नी 20 वर्षीय यशोदा बुधवार को एमएमजी अस्पताल में परिजनों के साथ पहुंची। यशोदा के साथ पति के अलावा सास और ननद भी थी। दुष्यंत ने बताया कि उसकी पत्नी ने चार अप्रैल को बच्चे को जन्म दिया। पिछले एक सप्ताह से यशोदा के सीने में गांठ महसूस हो रही है।
इसके इलाज के लिए वह मंगलवार को लोनी सीएचसी पहुंचे। जहां से उन्हें एमएमजी के लिए रेफर कर दिया गया। एमएमजी में पर्चा बनवाने के बाद सर्जन ने खून की जांच के साथ छाती का अल्ट्रासाउंड लिख दिया। ब्लड़ सैंपल देने के बाद अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं होने पर उन्होंने निजी केंद्र से 1500 रुपए में जांच कराई। जांच रिपोर्ट मिलने पर जब वह डॉक्टर को दिखाने पहुंचे तो उन्होंने रिपोर्ट मानने से इनकार कर दिया और दूसरी जगह से जांच कराने को कहा। उन्होंने डॉक्टर पर उपचार नहीं करने का आरोप लगाया। वहीं, सर्जन डा. मिलिंद गौतम का कहना है कि नवजात बच्चे के दूध पीने की वजह से मां को गांठ बन गई है। लेकिन जांच रिपोर्ट में गांठ में मवाद बताई गई है, जो संदेहास्पद है। इसी वजह से महिला को एक सप्ताह तक दवा खाने और दोबारा जांच कराने की सलाह दी गई है। महिला के परिजन शिकायत की शिकायत पर चिकित्सक से बात की तो उपचार ना देने का आरोप फर्जी पाया गया। रिपोर्ट पर संदेह होने की वजह से दूसरी जांच कराने का कहा हया है। - डा. राकेश कुमार, सीएमएस, महिला अस्पताल
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