Patients Face Treatment Issues at Dundaheda Hospital in Ghaziabad डूंडाहेड़ा अस्पताल में मरीजों को हड्डी रोगों का इलाज नहीं मिल रहा, Ghaziabad Hindi News - Hindustan
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डूंडाहेड़ा अस्पताल में मरीजों को हड्डी रोगों का इलाज नहीं मिल रहा

गाजियाबाद के डूंडाहेड़ा अस्पताल में मरीजों को हड्डी रोगों का उपचार नहीं मिल रहा है। अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ और सामान्य सर्जन की कमी से मरीजों को अन्य अस्पतालों के लिए रेफर किया जा रहा है। इसके...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादMon, 12 May 2025 07:31 PM
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डूंडाहेड़ा अस्पताल में मरीजों को हड्डी रोगों का इलाज नहीं मिल रहा

गाजियाबाद। क्रॉसिंग रिपब्लिक में बने डूंडाहेड़ा अस्पताल में मरीजों को हड्डी से जुड़े रोगों का उपचार नहीं मिल पा रहा। अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ और सामान्य सर्जन नहीं होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डूंडाहेड़ा अस्पताल में प्रसव से लेकर मोतियाबिंद के ऑपरेशन शुरू हो चुके हैं। अस्पताल में सामान्य फिजिशियन, नाक, कान और गला, बाल, दंत और स्त्री रोग की ओपीडी में रोजाना 250 मरीजों से ज्यादा पहुंच रहे हैं। वहीं, इमरजेंसी भी शुरू कर दी गई है, लेकिन हड्डी रोगों का उपचार फिजिशियन और ओपीडी में बैठ रहे आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी कर रहे।

आमतौर पर मरीजों को केवल दर्द की दवा दे दी जाती है, लेकिन हाथ-पैर टूटने की स्थिति में मरीज को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। पथरी, रसोली, हर्निया जैसे रोगों में भी मरीज को एमएमजी अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा। इससे आंबेडकर नगर, भीम नगर, शांतिनगर, सुदामापुरी, क्रिश्चियन नगर बागू, डूंडाहेड़ा, क्रॉसिंग सोसाइटी, शिवपुरी और शंकरपुरी आदि कॉलोनियों के मरीज एमएमजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं। दवाएं उधार आ रहीं डूंडाहेड़ा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीधक को शासन से डीडीओ (ड्राइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर) का अधिकार दे दिया गया है, लेकिन बजट न होने से अस्पताल के संचालन में परेशानी हो रही। अब तक अस्पताल को यूपी ई-औषधि पोर्टल का डीवीडीएमएस (ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन मैंनेजमेंट सिस्टम) का कोड नहीं मिल पाया है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन बम्हैटा पीएचसी और डासना सीएचसी से उधार की दवाएं मंगाने को मजबूर है। रसोई भी शुरू नहीं दूसरे सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सुबह का नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन मिलता है, लेकिन डूंडाहेड़ा अस्पताल में रसोई की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में गंभीर मरीज भर्ती होने के बावजूद खुद अस्पताल से चले जा रहे हैं। अस्पताल में स्टाफ की कमी से शासन को अवगत करा दिया गया है। साथ ही, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की मांग भी की गई है। -डॉ. अतुल आनंद, सीएमएस, डूंडाहेड़ा अस्पताल

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