वार्ड प्रमंडल नहीं होने से 50 करोड़ के विकास कार्य लटके, लोग परेशान
गुरुग्राम नगर निगम ने निकाय चुनाव परिणाम घोषित होने के डेढ़ महीने बाद भी वार्ड प्रमंडल में नहीं बांट पाए हैं। इस लापरवाही के कारण 50 करोड़ से अधिक के विकास कार्य लंबित हैं। पार्षदों ने डिवीजन बांटने...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम गुरुग्राम अधिकारियों द्वारा निकाय चुनाव परिणाम घोषित होने के डेढ माह बाद भी अभी तक वार्ड प्रमंडल में नहीं बांट पाए हैं। इस कारण डेढ माह से नगर निगम के 50 करोड़ से अधिक के विकास कार्य लंबित पड़े हुए हैं। नगर निगम अधिकारियों की इस लापरवाही का खामियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जबकि निगम पार्षदों ने आठ अप्रैल को आयोजित हुर्द सदन की बैठक में यह मांग की थी कि जल्द से जल्द उनके वार्डों को प्रमंडल (डिवीजन) में बांट दिया जाए, ताकि उनके वार्डों में जल्द से जल्द वार्ड और डिवीजन के हिसाब से विकास कार्य हो सकें। बैठक के दौरान निगमायुक्त ने दो दिन के अंदर ही डिवीजन बांटने का आश्वासन निगम पार्षदों को दिया था, लेकिन इस बात को भी 15 दिन से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन इसके बाद भी निगम के दो आईएएस, पांच एचसीएस, तीन टाउन प्लानर और आठ से अधिक इंजीनियर मिलकर भी डिवीजनों को बांटने की योजना नहीं बना सके हैं। वार्ड डिवीजनों में नहीं बंटने से पार्षदों द्वारा बताए गए विकास कार्य भी नहीं हो रहे हैं।
- ऐसे करना था बंटवारा
बता दें कि नगर निगम गुरुग्राम में वार्डबंदी के बाद एक वार्ड को बढ़ा दिया गया है। यानि कि पहले जहां 35 वार्ड थे अब वह बढ़कर 36 हो गए हैं। इस कारण निगम का दायरा भी बढ़ गया है। नगर निगम गुरुग्राम की इंजीनियरिंग विंग को पहले सात प्रमंडल (डिवीजन) में बांटा हुआ था, लेकिन अब इसे आठ डिवीजन बनाने को लेकर योजना बनाई जा रही है। इन डिवीजन के बंटने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस डिवीजन में कौन-सा वार्ड शामिल है। इसके बाद ही अधिकारी नए डिवीजन और वार्ड अनुसार काम का नाम देकर ही टेंडर लगा सकते हैं।
- एक माह से नहीं लग रहे हैं नए टेंडर
नगर निगम गुरुग्राम की इंजीनियरिंग विंग द्वारा हर माह 50 से अधिक विकास कार्य को लेकर टेंडर लगाए जाते हैं, लेकिन बीते एक माह से निगम की तरफ से किसी भी नए वार्ड को लेकर कोई भी टेंडर नहीं लगाया है। जिससे नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ-साथ आम लोगों को मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरसना पड़ रहा है। निगम ने पोर्टल पर बीते एक माह में मुश्किल से 20 ही टेंडर लगे हैं वह भी पुराने वार्डों के हिसाब से लगाए गए हैं। इसमें से वही टेंडर लगे है जिनमें पहली बार लगाए जाने से कोई एजेंसी नहीं आई थी।
- मानसून सिर पर, नहीं बने नालों के एस्टीमेट
वार्ड और डिवीन नहीं बनने से निगम की इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों की परेशानी भी बढ़ गई है। मानसून के दो माह ही मुश्किल से बचे हुए हैं, लेकिन अभी तक निगम अधिकारी वार्ड और डिवीजन के फेर में फंसे हुए हैं। बरसाती नालों की सफाई को लेकर अभी तक एस्टीमेट तक नहीं बन पाए हैं। अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण इस बार फिर से मानसून में शहरवासियों को जलभराव का सामना करना पड़ सकता है।
: प्रतिक्रिया--
1.
डिवीजन के अनुसार वार्ड बांटने को लेकर निगम अधिकारियों से सदन की बैठक में मांग की गई थी, लेकिन अभी तक निगम अधिकारी डिवीजन नहीं बांट पाए हैं। अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण पार्षदों के साथ आम लोगों को भी परेशानी हो रही है। निगम अधिकारियों को जल्द से जल्द डिवीजन बांटने का कार्य करना चाहिए।
- परमिंदर कटारिया, पार्षद, वार्ड-35
2.
निगम अधिकारी सिर्फ मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं। निगम में जाते है अधिकारी सीटों पर नहीं मिलते हैं। सदन की बैठक में वार्डों को डिवीजन अनुसार बांटने की मांग उठाई थी, लेकिन अभी तक निगम अधिकारी डिवीजन निर्धारित नहीं कर पाए हैं। अधिकारियों की इस लापवाही का खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
- धर्मबीर सिंह, पार्षद, वार्ड- 28
: कोट
चारों जोन की नई सीमाएं तय कर दी गई हैं। जल्द ही डिवीजन को लेकर भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
- महावीर प्रसाद, अतिरिक्त निगमायुक्त, नगर निगम, गुरुग्राम
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