पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को अंतिम विदाई, मां और बहन ने दिया कंधा
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए। साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बहुत से लोग इकट्ठा हुए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की गोली का शिकार बने करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का करनाल में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मॉडल टाउन स्थित श्मशान घाट में लेफ्टिनेंट का अंतिम संस्कार हुआ। चिता को उनकी बहन ने मुखाग्नि दी। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विनय नरवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान विनय नरवाल अमर रहे के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए। साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बहुत से लोग इकट्ठा हुए। इसके बाद तिरंगे में लिपटे हुए लेफ्टिनेंट का पार्थिव शरीर श्मशान घाट पर पहुंचा। यहां पर नेवी के जवानों ने लेफ्टिनेंट विनय को सलामी दी।
मां और बहन ने भी कंधा दिया
दोपहर बाद जब लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पार्थिव देह करनाल पहुंची तो अंतिम दर्शनों के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनकी अंतिम यात्रा में मां और बहन ने भी उन्हें कंधा दिया। लोग विनय नरवाल अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। मुख्यमंत्री नायब सैनी भी लेफ्टिनेंट के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात की और कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है। सीएम ने जींद में रखा कार्यक्रम रद्द कर दिया था।
मसूरी में की थी डेस्टिनेशन मैरिज, मई को था विनय का बर्थडे
कल पहलगाम में आतंकियों ने नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी 7 दिन पहले ही गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल से शादी हुई थी। वे दोनों 21 अप्रैल को हनीमून मनाने के लिए पहलगाम गए थे। वहां पहुंचने के अगले ही दिन 22 अप्रैल को विनय की हत्या कर दी गई। 26 वर्षीय विनय नरवाल और हिमांशी की 16 अप्रैल को उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग थी और फिर 19 अप्रैल को रिसेप्शन का आयोजन था। हिमांशी गुरुग्राम की रहने वाली थीं और विनय करनाल के थे। हिमांशी अपने परिवार के साथ सेक्टर-47 में परिवार के साथ रहती थी और उसके पिता हरियाणा के टैक्स विभाग में ईटीओ के पद पर तैनाती फरीदाबाद में है। 16 अप्रैल को विनय ने मंसूरी में डेस्टिनेशन मैरिज की थी। वह 28 मार्च से छुट्टी पर थे। दादा ने बताया कि विनय ने करनाल के संत कबीर स्कूल से पढ़ाई की थी। बाद में उन्होंने सीडीएस का एग्जाम भी दिया था. लेकिन फिर एसएसबी के जरिये तीन साल पहले सेना में गए थे। लेफ्टिनेंट विनय का 8 दिन बाद 1 मई को बर्थडे भी था। शादी के बाद पहले बर्थडे को लेकर परिवार ने ग्रैंड पार्टी प्लान की थी। इसके बाद 3 मई को उन्हें पत्नी के साथ कोच्चि ड्यूटी पर लौटना था।
रिपोर्ट: मोनी देवी