जिले की 66 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त: उपायुक्त
नूंह जिले की 66 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई हैं। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि यह सफलता गांववासियों और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। समारोह में पंचायतों को...

नूंह। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि जिला नूंह की 66 ग्राम पंचायतें अब तक टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं। यह उपलब्धि गांववासियों और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। उपायुक्त बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित टीबी मुक्त ग्राम पंचायत सम्मान समारोह में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था। इसमें वर्ष 2023-24 व 2024 के दौरान टीबी मुक्त रही पंचायतों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 7 पंचायतों को सिल्वर ट्रॉफी और 34 पंचायतों को कांस्य ट्रॉफी व प्रशंसा पत्र दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतें ठान लें कि वे अपने गांवों को टीबी मुक्त बनाएंगी। जो भी टीबी मरीज मिलेगा, उसे डॉट कार्यक्रम से जोड़कर इलाज शुरू करवाया जाए। टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है और सरकार द्वारा सभी दवाइयां मुफ्त दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में एक साल तक कोई टीबी मरीज नहीं मिलता, उन्हें कांस्य ट्रॉफी दी जाती है। दो साल लगातार टीबी मुक्त रहने पर सिल्वर ट्रॉफी और तीन साल तक मरीज न मिलने पर स्वर्ण ट्रॉफी दी जाती है। इन पुरस्कारों के साथ महात्मा गांधी की कांस्य, रजत या स्वर्ण मूर्ति भी दी जाती है। टीबी कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रवीण ने बताया कि सरकार की ओर से मरीज को हर महीने 1000 रुपये डाइट के लिए भी दिए जाते हैं। गांवों के सरपंचों ने भी इस अभियान में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। उपायुक्त ने सभी पंचायतों से अपील की कि वे इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं ताकि जिला नूंह पूरी तरह टीबी मुक्त हो सके।
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