खुले नाले ने रोकी बंगाली कॉलोनी की तरक्की, पेयजल का भी संकट
शहर के बंगाली कॉलोनी मोहल्ले में खुले नाले और खराब स्ट्रीट लाइट्स के कारण स्थानीय निवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मोहल्ले के लोग चाहते हैं कि नाले का नर्मियाण किया जाए और स्ट्रीट...
शहर के वार्ड दस स्थित बंगाली कॉलोनी मोहल्ले की गिनती शहर के साफ-सुथरे व स्वच्छ मुहल्ले के रूप में होती है। यहां के लोगों का कहना है कि मोहल्ले के इंट्री प्वाइंट पर खुला नाला इसकी खूबसूरती को दागदार बना देता है। छतौनी प्राइवेट बस स्टैंड से नरेगा पार्क तक एक किलोमीटर में खुला नाला इस मोहल्ले के लोगों की सबसे बड़ी पीड़ा है। नाला पर स्लैब नहीं होने के चलते मोहल्ले के लोगों को घर आने-जाने के लिए चचरी का सहारा लेना पड़ता है। नाले के पार सैकड़ों दुकानें हैं। इन दुकानदारों ने भी ग्राहकों के आने-जाने के लिए नाले पर चचरी बिछाकर रखा है। वार्ड के वाणी दास, साधु तालापात्रा, निताई चंद्र दास, पंकज बर्मन, जीवन दास, मदन प्रसाद व विमल दास कहते हैं कि बस स्टैंड से नरेगा पार्क तक स्लैब युक्त नाले का नर्मिाण हो जाये तो इस मोहल्ले की तरक्की की राह आसान हो जाएगी। सड़क किनारे कीे दुकानों में ग्राहकों की आवाजाही आसान हो जाएगी। इससे यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी तथा मोहल्ले का विकास होगा।
धनौती किनारे भी बन सकता है मैरिन ड्राइव
धनौती नदी के किनारे बसे बंगाली कॉलोनी के करीब दो किलोमीटर एरिया को मैरिन ड्राइव के तर्ज पर विकसित किया जा सकता है। मोहल्ले के वाणी दास, साधु तालापात्रा, निताई चंद्र दास, पंकज बर्मन, जीवन दास, मदन प्रसाद, अर्जुन दास, रवि, राजू राहूत, शिबू दास, नारायण दास व विमल दास कहते हैं कि अगर इस इलाके को भी मोतीझील मैरिन ड्राइव की तर्ज पर विकसित कर दिया जाये तो इसकी खूबसूरती में चार चांद लग सकता है। शहरवासियों को मॉर्निंग व ईवनिंग वॉक के लिए एक खूबसूरत पाथ वे मिल जायेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नहीं जलते अधिकांश स्ट्रीट लाइट
मोहल्ले की गलियों में रोशनी के लिए पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं है। गलियों में वर्षो पहले लगे अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब हो चुके हैं। जिनकी जगह नए स्ट्रीट लाइट लगाने की आवश्यकता है। अर्जुन दास, रवि, राजू राहूत, शिबू दास, नारायण दास व विमल दास कहते हैं कि एक तो सभी गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं लगा है। जिन गलियों में वर्षो पूर्व स्ट्रीट लाइट लगा था, वो भी खराब हो चुके हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं होने की वजह से रात में मोहल्ले में अंधेरा छाया रहता है। जिसके चलते भय का माहौल बना रहता है। मोहल्लेवासी रात के समय काफी असुरक्षित महसूस करतें हैं।
जमीन का रैयती हक मिले
मोहल्ले के वाणी दास, साधु तालापात्रा, निताई चंद्र दास, पंकज बर्मन, जीवन दास, मदन प्रसाद, अर्जुन दास, रवि, राजू राहूत, शिबू दास, नारायण दास व विमल दास कहते हैं कि आजादी से पहले 1945 में उनके पूर्वज तत्कालीन पूर्वी बंगाल से चम्पारण आये थे। जीविकोपार्जन के लिए वर्ष 1958 में पुनर्वास विभाग द्वारा प्रत्येक परिवार को 4 एकड़ 10 डिसमिल जमीन खेती के लिए दी गयी थी। आबादी बढ़ने के साथ ही जमीन का दायरा सिकुड़ता चला गया। नतीजा आज इस समुदाय की 25 फीसदी आबादी भूमिहीन की श्रेणी में है। जिनके पास जमीन व मकान है, उनको भी अंचल कार्यालय से रैयती हक (एलपीसी) नर्गित नही किया जा रहा है। रैयती हक नहीं मिलने की वजह से उन्हें बिजनेस-व्यापार के लिए बैंक से लोन नहीं मिल पाता है। जिससे काफी परेशानी हो रही है।
शिकायतें
1.मोहल्ले में कई वर्ष पूर्व पाइप लाइन बिछाए जाने के बावजूद अभी तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है।
2. स्ट्रीट लाइट नहीं होने से मोहल्ले में रात भर अंधेरा छाया रहता है। इमरजेंसी में भी पैदल बाहर निकलने में लोगों को भय लगता है।
3. हल्की बारिश में भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इससे पैदल यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
4. गली नम्बर चार, पांच व सात में नाले का नर्मिाण नहीं होने से
जलनिकासी की समस्या है। बरसात में काफी परेशानी होती है।
5. छतौनी बस स्टैंड से नरेगा पार्क तक मुख्य नाला कचरा से भरा पड़ा है। नाले की सफाई नहीं होने से परेशानी होती है।
सुझाव
1.मोहल्ले की गलियों में पर्याप्त रोशनी के लिए बिजली के सभी पोल पर स्ट्रीट लाइट लगाई जानी चाहिए।
2. जलनिकासी की समस्या से निपटने के लिए सभी गलियों में नाला नर्मिाण जरूरी है। सड़क के साथ-साथ स्लैबयुक्त नाला बने।
3. छतौनी बस स्टैंड से नरेगा पार्क तक स्लैब युक्त चौड़े नाले का नर्मिाण कराया जाय।
4. गली नम्बर एक व दो में पीसीसी सड़क तथा गली नम्बर चार व पांच में नाले का नर्मिाण कराया जाय।
5. छठ व्रतियों की सुविधा के लिए नदी किनारे नये छठ घाट बनवाये जाएं। इससे छठ के समय भीड़ नियंत्रण में सुविधा होगी।
बोले जिम्मेदार
वार्ड को विकासात्मक कार्यो के लिए जितना फंड मिलनी चाहिए, उतना नहीं मिल रहा है। छतौनी बस स्टैंड से नरेगा पार्क तक 3.14 करोड़ की लागत से स्लैब युक्त नाला का नर्मिाण कराया जाएगा। इसके लिए टेंडर हो चुका है, जल्द ही इसपर काम शुरू होगा। वार्ड में नियमित रूप से सफाई व कूड़ा उठाव का कार्य होता है। कल्पना रानी दास, वार्ड आयुक्त
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