बोले गढ़वाल : कर्णप्रयाग के सुभाषनगर में नहीं पार्किंग के इंतजाम
कर्णप्रयाग के सुभाषनगर मोहल्ले में लम्बे समय बाद भी लोगों को पार्किंग की सुविधा नहीं मिल पाई है। मजबूरी में लोगों को सड़कों पर ही वाहन खड़े करने पड़
कर्णप्रयाग के सुभाषनगर मोहल्ले में लम्बे समय बाद भी लोगों को पार्किंग की सुविधा नहीं मिल पाई है। मजबूरी में लोगों को सड़कों पर ही वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं जिस कारण ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन गई है। नगर पालिका के दशकों बाद भी सार्वजनिक पार्किंग सुविधा विकसित नहीं कर पाने का खामियाजा आखिरकार आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। नगर निकाय के चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री और वर्तमान पालिकाध्यक्ष ने पार्किंगस्थल बनाने की बात तो कही थी लेकिन सर्वे और जमीन की पैमाइश होने के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ। प्रशासन और पालिका की उपेक्षा से लोगों में नाराजगी है। कर्णप्रयाग से सतीश गैरोला की रिपोर्ट...
पंचप्रयागों में तीसरे प्रयाग कर्णप्रयाग में सार्वजनिक पार्किंग सुविधा के अभाव ने स्थानीय जनता की दिक्कतों को बेहद बढ़ाया हुआ है। इसकी तस्वीर दिखाई देती है नगर के लगभग 1000 की आबादी वाले सुभाषनगर मोहल्ले में जहां एक भी सार्वजनिक पार्किंगस्थल नहीं होने के कारण स्थानीय निवासियों को मजबूरी में अपने वाहनों को रास्तों पर खड़ा करना पड़ रहा है। पूरे मोहल्ले में लगभग 200 से अधिक वाहन हैं लेकिन पार्किंग सुविधा नहीं होने से घरों से दूर सड़कों पर ही उन्हें पार्क किया जा रहा है जिससे रोज ही ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को दोचार होना पड़ रहा है। रानीखेत रोड पर बस स्टेशन से घटगाड़ गदेरे तक और मुख्य बाजार से आईटीआई जाने वाले पुल तक पार्क वाहनों का रेला लगा रहता है।
पिंडर नदी के किनारे मौजूद संकरे लिंक मार्ग पर भी वाहनों के खड़े होने से सामान्य आवाजाही भी प्रभावित होती है। खास बात यह है कि नगरपालिका चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री और वर्तमान पालिकाध्यक्ष के वायदे के बावजूद दिखावे के लिए तो सर्वे किया गया लेकिन आजतक पार्किंगस्थल तय्यार नहीं किया जा सका है। इसके साथ क्षेत्र में बदहाल रास्तों को ठीक करने के प्रति लापरवाही भी आम जनता के लिए आवाजाही के दौरान दिक्कतें पैदा कर रहा है।
गड्ढेयुक्त रास्तों पर जलभराव के बीच लोगों को आवागमन में कठिनाईयां उठानी पड़ रही हैं। मुख्य बाजार से आईटीआई पुल को जाने वाले रास्ते के नीचे की ओर से पिडंर नदी द्वारा किये जा रहे भूकटाव से सड़क के कभी भी नदी में समाने का खतरा बना हुआ है। मोहल्ले के रास्तों पर लगी रेलिंग के क्षतिग्रस्त होने से वो कई स्थानों पर हिल रही हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। क्षेत्र में गर्मियों की शुरूआत से ही पेयजल संकट बढ़ जाता है तो दूसरी तरफ पेयजल लाइनों से होते लीकेज को ठीक नहीं करने के कारण भी पेयजल किल्लत की समस्या बढ़ रही है लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
नगर पालिका द्वारा कूड़ेदानों की व्यवस्था नहीं करने के कारण कचरा रास्तों, नदी और गदेरों के किनारे पड़ने से पेयजल की शुद्धता तो प्रभावित हो ही रही है, इसके साथ आवाजाही में भी लोगों को परेशानियां हो रही हैं। टूटीफूटी चोक नालियों, रास्तों पर उगी झाड़ियों की सफाई के प्रति बरती जा रही लापरवाही और सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से भी आम जनता को मुश्किलें झेलने को विवश है। रास्तों पर पेयजल लाइनों के मकड़जाल ने भी लोगों को परेशान किया हुआ है।
सुझाव
1. सीवरलाइन के साथ सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था हो और पेयजल लाइनों के मकड़जाल हटाये जाए।
2. क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक किया जाए और चोक नालियों की सफाई की जाए।
3. क्षेत्र में सार्वजनिक पार्किंग सु़विधा विकसित की जाय जिससे आवाजाही में दिक्क्तें न हों।
4. नगरपालिका कूड़ेदानों की व्यवस्था करे और नियमित सफाईकर्मी की तैनाती करे।
5. नदी भूकटाव से सड़क बचाव के हो प्रयास। टूटी रेलिंग ठीक की जाए और प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत की सफाई हो।
शिकायतें
1. सीवरलाइन के साथ सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से दिक्कतें होती हैं। पेयजल लाइनों के जाल से दिक्कत।
2. खराब सड़कों और चोक नालियों के कारण रास्तों पर जलभराव से हो रही परेशानी।
3. सार्वजनिक पार्किंग सु़विधा नहीं होने से रास्तों पर पार्क होते वाहनों से ट्रैफिक होता है जाम।
4. कूड़ेदानों की व्यवस्था नहीं होने के साथ नियमित सफाईकर्मी के नहीं पहुंचने से बिखरी रहती है गदंगी।
5. नदी भूकटाव से सड़क बचाव नहीं होने व रेलिंग टूटी होने से बना है खतरा। प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत गंदे होने से मुश्किलें।
भूकटाव से संकरे संपर्कमार्ग के ढहने का खतरा
मुख्य बाजार से आईटीआई पुल तक के संकरे सम्पर्कमार्ग के ढहने का भी खतरा मंडरा रहा है। दरअसल सड़क के नीचे पिंडर नदी के बहाव से हो रहे भूकटाव से सड़क के जमींदोज होने की स्थितियां बन रही हैं। वर्ष 2022 की बरसात में पिंडर नदी के तेज बहाव से तेजी से हुए कटाव के फलस्वरूप सड़क के नीचे की मिट्टी बहने से तब सड़क खोखली हो गई थी जिसपर तब आवाजाही भी मुश्किल हो गई थी। हालांकि उसके बाद पालिका प्रशासन ने सड़क को किसी तरह ठीक तो करवा लिया था, लेकिन ये केवल तात्कालिक उपचार मात्र है, जबकि अब भी नदी द्वारा लगातार किये जा रहे भूकटाव से इस सम्पर्क मार्ग पर नदी में ढहकर समाने का खतरा बना हुआ है। सड़क किनारे मौजूद लोहे की रेलिंग का रखरखाव नहीं होने और नालियों के ऊपर क्षतिग्रस्त चैम्बरों के कारण भी दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। कई स्थानों पर झूलती
रैलिंग का सहारा लेकर गुजरते लोगों और बच्चों के लिये ये रैलिंग किसी भी दिन उनकी जान पर आफत बनकर टूट सकती है। संकरे रास्तों पर उगी झाड़ियों ने भी लोगों को परेशान किया हुआ है। नगर पालिका द्वारा झाड़ियों की सफाई नहीं करने से उनमें जंगली जानवरों के छुपे होकर हमले का खतरा हमेशा बना रहता है। बंदरों के आतंक ने भी मोहल्लेवासियों की मुश्किलों को बढ़ाया हुआ है जिस कारण स्थानीय निवासियों की सामान्य दिनचर्या भी प्रभावित हो गई है।
बोले जिम्मेदार
नगर पालिका कर्णप्रयाग के अध्यक्ष गणेश शाह का कहना है कि सुभाष नगर में पार्किग बनाने की बात चल रही है। हाल ही में तहसील प्रशासन द्वारा पैदल पुल के आसपास पार्किंग के लिए जमीन की पैमाइश की गई है। अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। सुभाषनगर में पालिका स्तर की जो भी समस्याएं हैं, उनका मौजूदा संसाधनों में समाधान किया जाएगा।
सुभाषनगर मोहल्ले की सड़क और संपर्क मार्ग खस्ताहाल होन से दिक्कत
सुभाषनगर में बदहाल रास्तों ने आम जनता को परेशान किया हुआ है। मुख्य बाजार से आईटीआई पुल तक के संकरे सम्पर्क मार्ग पर बने गड्ढों और उनमें जलभराव के कारण क्षेत्रवासियों को आवाजाही के दौरान बड़ी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि इसी मार्ग पर मौजूदा नगर पालिका अध्यक्ष का घर भी है, लेकिन बावजूद इसके आज तक सड़क की स्थिति जस की तस है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पालिका अध्यक्ष अपने आवास पर जाने वाली सड़क पर रोज दिक्कतें महसूस करने के बावजूद भी उसे ठीक नहीं करवा पा रहे तो फिर अन्य संपर्क मार्गों की स्थिति सुधारने के प्रति वो कितने उत्सुक होंगे। ऐसे में जनता की परेशानियों के बावजूद भी नगरपालिका की सड़क को ठीक करने के प्रति बरती जा रही लापरवाही से लोग परेशान हैं। रोज इस रास्ते से गुजरते स्कूली बच्चों के कपड़े गड्ढों में हुए जलभराव के कारण छींटे पड़ने से खराब हो जाते हैं।
मोहल्ले में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से स्थानीय लोग परेशान
सुभाषनगर में नगरपालिका किस तरह जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर लापरवाह है, इसका पता क्षेत्र में 1 भी सार्वजनिक शौचालय और 1 भी कूड़ेदान के नहीं होने से चलता है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से कई स्थानों पर गंदी नालियों से होते हुए गंदा पानी और सीवर सीधे नदी में समाकर उसे दूषित तो कर ही रहा है, इस कारण जैव विविधता पर भी संकट पैदा हो रहा है। पालिका द्वारा 1 भी कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं करने से कचरा कहीं सड़कों पर तो कहीं, नदी और गधेरे के किनारे डाला जा रहा है जिससे वहां कूड़े के ढेरों से उठती बदबू ने तो लोगों को परेशान किया ही हुआ है, साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। रानीखेत हाईवे पर गदेरे के किनारे वर्षों से फेंके जा रहे कूड़े के कारण वहां कचरों के बड़े-बड़े ढेर आसानी से दिखाई देते हैं। मोहल्ले के निचले क्षेत्रों में भी कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं है।
सुभाषनगर में पार्किंग की बड़ी समस्या है। नगरपालिका समेत प्रशासन से कई बार इस मांग को उठाया गया लेकिन जनता की इस जायज मांग पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है इससे सब परेशान हैं। -भूपेंद्र चौहान
दुकानों के सामने कूड़े के ढेर लगे हैं। कूड़ा नहीं उठने के कारण बंदर और लंगूर समेत अन्य लावारिस पशु आ जाते हैं और कूड़े और ज्यादा बिखेर देते हैं जिससे गदंगी होती है और दुर्गंध आती है। -राकेश सती, व्यापारी।
नालियों के क्षतिग्रस्त और चोक होने से गंदा पानी घरों में आ रहा है। नगर पालिका को इस ओर ध्यान देते हुए क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत के साथ चोक नालियों की सफाई करवानी चाहिए। -विपिन शाह
नगर पालिका को पार्किंग की समस्या के समाधान पर फोकस करना चाहिए। पालिका टैक्स लेती है लेकिन लोगों को सुविधा उसके मुताबिक नहीं देती है। नालियों और रास्तों को ठीक करना चाहिए। -महाबीर भंडारी
सुभाषनगर में साफ-सफाई पर पालिका का ज्यादा ध्यान नहीं है। रानीखेत हाईवे के किनारे गदेरे के पास कूड़ा बिखरा रहता है। कूड़ा निस्तारण के लिए कोई ठोस प्रबंध नहीं किए हैं। -आशीष खंडूड़ी
क्षेत्र में वाहनों के लिये सार्वजनिक पार्किंग की बेहद आवश्यकता है। पार्किंग नहीं होने से सड़क किनारे वाहन खड़े होने से जाम लगता है इससे आम जनता के साथ मरीजों को भी परेशानियां होती हैं।-मोहम्मद जैकी
पार्किंग न होने और वाहनों का जाम लगने से व्यापारियों को भी काफी नुकसान होता है। सड़क कम चौड़ी होने से स्कूली बच्चों को दिक्कत होती है। सुभाषनगर में सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं है।-लखपत बिष्ट
सुभाषनगर में बंदरों का आतंक, पेयजल समस्या और पार्किंग की दिक्कत है। नगरपालिका ने पूर्व में इन बिंदुओं पर काम करने की कोशिश की थी लेकिन नतीजा आज भी कमोबेश वही है। -अरविंद गुसाईं
पेयजल किल्लत दूर करने के साथ पैदल रास्तों से पेयजल लाइनों के मकड़जाल को हटाया जाय। लिंक मार्ग पर क्षतिग्रस्त रैलिंग ठीक की जायें ताकि आवाजाही में दिक्कतें न हों। -अनुज डिमरी
सुभाषनगर में एकतरफ पेयजल आपूर्ति पर्याप्त नहीं है तो दूसरी तरफ जल संस्थान मनमाने बिल भेज रहा है। विभाग की मनमानी से परेशानी आम जनता को हो रही है । इसे ठीक किया जाना चाहिए। -पंकज कुमेड़ी
क्षेत्र में सफाई के प्रति लापरवाही के कारण कूड़ा रास्तों पर फैला रहता है जिससे स्कूली बच्चों के साथ आम जनता को परेशानियां उठानी पड़ती हैं। कटखने बंदरों का उत्पात भी मुश्किलें बढ़ा रहा है।-कमलेश गैरोला
जल संस्थान की लापरवाही से परेशान हैं। समय पर पेयजल आपूर्ति नहीं होने से दिक्कतें हो रही हैं। नियमित दिनचर्या पर भी इस कारण असर पड़ रहा है। विभाग को पेयजल व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। -सूरज बिष्ट
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