Haridwar Residents Struggle with Dirty Water Crisis in Mohalla Hajabaan and Chauhanan बोले हरिद्वार : हज्जाबान में गंदा पानी पीने को लोग विवश, Haridwar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttarakhand NewsHaridwar NewsHaridwar Residents Struggle with Dirty Water Crisis in Mohalla Hajabaan and Chauhanan

बोले हरिद्वार : हज्जाबान में गंदा पानी पीने को लोग विवश

हरिद्वार के मोहल्ला हज्जाबान और चौहानान में लोग गंदे पानी की समस्या से परेशान हैं। नलों से बदबूदार पानी आने से लोग बीमार हो रहे हैं। पेयजल और सीवर की पुरानी पाइपलाइनें जर्जर हो चुकी हैं। स्थानीय लोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरिद्वारThu, 24 April 2025 08:16 PM
share Share
Follow Us on
बोले हरिद्वार : हज्जाबान में गंदा पानी पीने को लोग विवश

हरिद्वार के मोहल्ला हज्जाबान और चौहानान में गंदे पानी समस्या से जनता परेशान है। घरों में नलों से गंदा और बदबूदार पानी आता है। जिसकी वजह से लोग बीमार तक पड़ जाते हैं। पेयजल और सीवर की लाइन बहुत पुरानी और जर्जर हो चुकी है। आरोप है कि सालों न तो यहां कोई नई सीवर लाइन डाली गई और न ही पीने के पानी की समस्या को दूर किया गया है, जिसके कारण नलों में गंदा पानी आ रहा है। छोटी पेयजल लाइन में पानी का प्रेशर कम है और उसमें भी समय पर पानी नहीं आता है। लोगों की मांग है कि गलियों में नई पेयजल और सीवर की लाइन बिछाई जाए। अलग से छोटा ट्यूबवेल बनाया जाए। सचिन कुमार की रिपोर्ट...

हरिद्वार के मोहल्ला हज्जाबान और चौहानान में करीब 10 हजार की आबादी रहती है। आसपास की करीब 12 गलियों में रहने वाली जनता को पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है। लोगों का आरोप है कि रोजाना उनके घरों में नलों से गंदा पानी आता है। बदबूदार पानी बिल्कुल भी पीने लायक नहीं होता। इसका सबसे बड़ा कारण पानी की पाइप लाइन के बराबर में ही बिछाई गई सीवर की लाइन हैं। लगभग सभी गलियों में पानी और सीवर की लाइनें बिछाई गई है। जब सीवर लाइन चोक होती है तब सीवर का पानी पेयजल की लाइन में मिल जाता है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि समय से सीवर लाइनें साफ नहीं की जाती हैं। आए दिन सीवर का गंदा पानी गलियों में बहता है। लोगों ने बताया कि नगर निगम के अस्तित्व में आने के 10 साल बाद भी चौहानान और हज्जाबान मोहल्ले में लोगों को साफ पानी नहीं मिलता है। ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान मोहल्ले के लोगों ने इस गंभीर समस्या को साझा किया। बताया कि कि पानी का समय पर बिल देकर भी वो गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। गंदे पीने के पानी के कारण ही कई लोगों का स्वास्थ्य खराब हो चुका है। इतना ही नहीं सात साल पहले यहां गंदे पानी के कारण कई लोग बीमार पड़ गए थे। डायरिया से एक बच्चे की मौत तक हो गई थी। फिर स्वास्थ्य विभाग को यहां कैंप लगाया था। इसके बावजूद गंदे पानी समस्या का समाधान नहीं हुआ।

लोगों का आरोप है कि घर की साफ सफाई और कपड़े धोने तक के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आता है। दिन में सिर्फ सुबह एक बार एक घंटे के लिए ही नलों में पानी आता है। उसके बाद दिनभर पानी की आपूर्ति बंद हो जाती है। लो प्रेशर के कारण छतों पर रखे टैंकों में पानी नहीं पहुंच पाता। पानी की कमी से महिलाओं को खाना बनाने, बर्तन और कपड़े धोने में भी बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है। सुबह काम पर जाने से पहले लोगों को नहाने और साफ सफाई इत्यादि के लिए खुद ही पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ती है। स्थानीय लोगों यह भी बताया कि गलियों में बिछी 40 साल पुरानी पानी और सीवर की पाइपलाइन जर्जर हो चुकी है। गलियों में पेयजल की लाइन के ऊपर और बराबर से सीवर की पाइपलाइन गुजर रही है। इस कारण भी लोगों के घरों में सीवर और मिट्टी युक्त गंदा पानी पहुंचता है। इससे गंभीर बीमारियां फैलने का डर बना रहता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल रहा है। जब सुनवाई होती भी है तो पेयजल और सीवरेज की लाइनों के ऊपर नीचे होने से लीकेज भी तलाशने में भी कई कई दिन लग जाते हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद जनप्रतिनिधि और अधिकारी लोगों की समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि गलियों में अधिक क्षमता वाली पेयजल और सीवर की लाइन बिछाई जाए। इसके अलावा नया ट्यूबवेल लगाया जाए ताकि लोगों को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके।

चालीस साल पहले बिछाई गई थी पाइप लाइन

लोगों ने बताया कि चालीस साल पहले हरिद्वार नगर पालिका अस्तित्व में आई थी। चालीस साल पहले यहां की गलियों में पानी और सीवर की पाइप लाइन बिछाई गई थी। उसके बाद नगर निगम भी बन गया। नगर निगम में आने के बाद से पाइप लाइनों की केवल मरम्मत ही कराई जाती रही है। आज तक न तो नई पाइप लाइन नहीं डाली गई और न ही क्षमता बढ़ाई गई। जिसके चलते नलों से गंदा पानी आता है। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि नए सिरे से पाइप लाइन बिछाई जाती है तो निश्चित रूप से उन्हें समस्या से निजात मिलेगी।

दस सालों से है मोहल्ले में गंदे पानी की समस्या

चौहानान और हज्जाबान, इन दोनों मोहल्ले में सीवर और पीने की पानी की समस्या दस साल पुरानी है। कभी पीने के पानी में सीवर का पानी मिलकर नलों से गंदा और बदबूदार पानी आता है तो कभी सीवर लाइन चौक होने से गलियों में गंदा पानी ओवर फ्लो होता है। लोगों का आरोप है कि पिछले दस सालों से लोग परेशान हैं। न तो नई पेयजल लाइन बिछाई जाती और न ही अधिक क्षमता वाली सीवर लाइन। साफ पानी पीने के लिए बाजार से पानी खरीदना मजबूरी है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से शिकायत करते हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है।

नए सिरे से पाइप लाइन और ट्यूबवेल लगाने की मांग

लोगों ने बताया कि कई सालों से उनकी गलियों में सीवर और पेयजल की लाइन खराब पड़ी हुई है। जब कभी भी कर्मचारी मोहल्ले में आते हैं। तो उन्हें कई-कई दिन तक लीकेज ढूंढने में ही बिताने पड़ जाते हैं। सालों पहले सीवर और पेयजल की लाइन एक दूसरे के ऊपर नीचे बिछाई गई थी। इसी कारण नलों में गंदा पानी आता है। लोगों की मांग है कि गलियों में नए सिरे से प्रोजेक्ट बनाकर पानी पाइप लाइन डालकर समस्या का समाधान किया जाए। बताया कि जो 5 इंच की पाइपलाइन बिछाई गई है उसकी क्षमता कम है। तेजी से आबादी बढ़ रही है इसलिए अधिक क्षमता वाली मोटी पाइप लाइन इस बार बिछाई जानी चाहिए। उतनी बड़ी आबादी के लिए अलग से कोई ट्यूबवेल नहीं है। दूसरे स्थानों के ट्यूबवेल से पेयजल की आपूर्ति की जाती है जो नाकाफी है। इसलिए नई पाइप लाइन बिछाने के साथ ही अलग से ट्यूबवेल बनाया जाए।

सुझाव

1. सभी गलियों में पानी और सीवर की नई पाइप लाइन बिछाई चाहिए। ताकि लोगों की समस्या का जल्द समाधान हो।

2. गलियों में सीवर और पानी की पाइप लाइन में गैप होना चाहिए। ताकि सीवर का पानी पीने के पानी में मिक्स न हो।

3. सभी गलियों में हर महीने सीवर की लाइनों की सफाई होनी चाहिए।

4. समय समय विभागीय अधिकारियों को पानी की गुणवत्ता की जांच करानी चाहिए।

5. स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति के लिए अलग से ट्यूबवेल लगाया जाना चाहिए।

शिकायतें

1. नलों में गंदा पानी आता है। जो पानी आता है वो भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है।

2. पानी की पाइप लाइन में सीवर लाइन का पानी मिलकर ही नलों से गंदा पानी आता है।

3. दिन में केवल एक घंटे के लिए ही पानी आता है। उसके बाद रात में पानी की उम्मीद नहीं रहती। इतने कम समय में दिक्कत होती है।

4. गंदा पानी पीने से कई बार लोगों को गंभीर बीमारियां हो गई लेकिन समाधान नहीं हुआ।

5. दस सालों से गंदे पानी की समस्या है फिर भी कोई संज्ञान नहीं लेता है। अधिकारियों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

बोले जिम्मेदार

हज्जाबान और चौहानान मोहल्ले में गंदे पानी की समस्या का मामला संज्ञान में आया है। टीम को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। लो प्रेशर की समस्या का भी समाधान होगा और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

-विपिन चौहान, अधिशासी अभियंता, उत्तराखंड जल संस्थान

‘जनता को अपना हक तो मिलना ही चाहिए

लोगों ने बताया कि दस साल पहले हरिद्वार नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिल गया था। उन्होंने सोचा कि अब उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। नगर निगम के तीन बार चुनाव होकर बोर्ड के गठन भी हो चुके हैं। नगर निगम बनने के बाद ही स्थानीय लोगों की समस्या जस की तस है। न तो अधिकारियों ने उनकी समस्या का निदान किया और न ही जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दे रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में रहने के बावजूद भी उन्हें स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार नगर निगम का नया बोर्ड बनने के बाद उनकी समस्या का समाधान हो पाएगा। गंदे पानी की समस्या से निजात मिलेगी। ताकि उन्हें पीने और अन्य घरेलू काम करने के लिए बाहर पानी का इंतजाम नहीं करने पड़ेगा। साथी ही, गंभीर बीमारी की खतरा भी नहीं होगा।

2018 में फैली थी बीमारी, विभाग ने लगाए थे स्वास्थ्य शिविर

स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 2018 में हज्जाबान और चौहानान मोहल्ले में नलों से इतना गंदा पानी आया कि डायरिया बीमारी फैल गई थी। गंदा पानी पीने की वजह से कई लोग बीमार पड़ गए थे। इतना ही नहीं एक बच्चे की मौत तक हो गई थी। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और यहां स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए शिविर में लोगों की जांच कराई गई और इलाज किया गया था। उन्होंने तब भी मांग की थी कि पुरानी पेयजल लाइन के क्षतिग्रस्त होने के कारण ही नलों में गंदा पानी आया और उसी पानी को पीने से लोग बीमार हुए थे। तब से लेकर आज तक यह समस्या जस की तस बनी हुई है। लोगों के बीमार पड़ने के बावजूद भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया गया है। गंदा पानी पीना मजबूरी बन गया है।

टैक्स और बिल देने पर भी नहीं मिल रहा पर्याप्त और साफ पानी

स्थानीय लोगों ने बताया कि सालों से वो समय से टैक्स और बिल जमा करते आ रहे हैं। फिर भी अधिकारी उनकी समस्या का समाधान नहीं करते हैं। बीते दिनों हुए नगर निगम के चुनाव में भी उन्होंने जनप्रतिनिधियो से इस समस्या के समाधान की मांग की थी। मगर चुनाव निपट जाने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला है। जनप्रतिनिधि लोगों को सिर्फ वोट लेने तक याग रखते हैं इसके बाद जनता चक्कर काटती रह जाती है। उन्हें तो लगता है कि जनता सिर्फ टैक्स देने के लिए ही बनी है इसलिए मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता। उनकी मांग है कि जब वो पानी का बिल समय पर देते हैं और टैक्स भी जमा करते हैं तो उन्हें स्वच्छ पेयजल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा सीवर की समस्या का भी स्थाई समाधान किया जाए।

लापरवाही न बरतें अधिकारी

पिछले दस सालों से नल में गंदा पानी आता है। बदबूदार पानी से कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है। पूर्व में कई बार बीमारियां फैल चुकी हैं। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती। -अरशद ख्वाजा

करीब 40 साल पहले पानी और सीवर की लाइनें बिछाई गई थी। पास-पास दोनों लाइन बिछी होने के कारण ही सीवर का पानी पीने की पाइप के जरिए नलों में पहुंचता है। जिसके कारण ही गंदगी आती है। -अहसान

ज्यादातर आबादी नलों के पानी पर ही ही निर्भर है। गंदा पानी आने पर हैंडपंप के पानी से ही काम चलाना पड़ता है। हर किसी के घर में हैंडपंप नहीं है इसलिए दूर से पानी लाने में परेशानी उठानी पड़ती है। -अमजद

बरसात के दिनों में तो समस्या और बढ़ जाती है। बारिश के पानी से सीवर लाइन चौक हो जाती है। जिसके बाद घरों में सीवर लाइन का पानी ही नलों से आता है। गलियों में भी जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। -चिराग चौहान

दिन में केवल एक बार ही सुबह 6 से 7 बजे तक पानी आता है। लो प्रेशर होने के कारण एक घंटे में उनके टैंक तक नहीं भर पाते। इसके बाद रात को ही पानी आता है। -अर्सलान

यहां कई बार लोग बीमार पड़ चुके हैं। फिर भी हमें स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा है। कई बार संबंधित विभागों के अधिकारियों से शिकायत की जाती है। शिकायत के बावजूद भी संज्ञान नहीं लिया जाता है। -हारून अंसारी

गलियों में साफ सफाई भी नहीं कराई जाती है। नालियों और सड़कों पर गंदा पानी जमा होने से मक्खी और मच्छर जमा हो जाते हैं। इससे समस्या से भी स्वास्थ्य खराब होने का खतरा रहता है। -कादिर कुरैशी

समय से पानी नहीं आता है। एक घंटे ही पानी की सप्लाई दी जाती है। दिन में परेशानी उठानी पड़ती है। दूर से हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है और ड्रम में पानी स्टोर करना मजबूरी बन गई है। -सचिन चौहान

आबादी बढ़ने के साथ ही पीने के पानी कनेक्शन बढ़ गए हैं। पुरानी पाइप लाइन होने चलते पेयजल आपूर्ति पूरी नहीं होती। जो पानी आता है, उसमें भी लो प्रेशर होता है। ऐेसे में परेशानी होती है। -सन्नी सलमानी

समय से पानी नहीं आता है। बच्चों को स्कूल कॉलेज और हमें रोजाना कामकाज पर जाने में परेशानी उठानी पड़ती है। लेकिन हमारी परेशानी को कोई नहीं समझ रहा है। -शिवम अरोड़ा

रोज अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को फोन करने पड़ते हैं। फोन करने के बावजूद कर्मचारी नहीं आते हैं। सभी गलियों में पेयजल लाइन और सीवर लाइन की क्षमता बढ़ाने पर काम होना चाहिए। -सोनू

कई कई बार शिकायत करने के बाद कर्मचारी आते हैं और जल्दबाजी में थोड़ी बहुत मरम्मत करके चले जाते हैं। नई सीवर लाइन और पेयजल लाइन बिछानी चाहिए। -सरफराज सलमानी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।