तीस प्रतिशत निजी स्कूलों में सीटें तय नहीं होने पर कार्रवाई होगी
-निजी स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब छात्रों का मुफ्त दाखिला शुरू -मंगलवार से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेगी -पहली से प्राथमिक कक्षाओं

गुरुग्राम। जिले के 527 निजी स्कूलों में दाखिले के लिए मारामारी शुरू हो गई है। तीस प्रतिशत निजी स्कूलों में सीटें जल्द तय नहीं की, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन स्कूलों की मान्यता भी रदद की जा सकती है। शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय स्कूलों में शिक्षा के स्तर में और सुधार के लिए निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों को दाखिला शुरू:
शिक्षा विभाग के अनुसार अभी तक 70 प्रतिशत स्कूलों ने ही उज्जवल पोर्टल के माध्यम से बच्चों की सीटें तय की हैं। गरीब बच्चों को दाखिला देने से कन्नी काट कर रहे निजी स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी की गई है। इसमें 30 प्रतिशत निजी स्कूलों ने अभी तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत पहली कक्षा और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों को दाखिला देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। निजी स्कूलों में गरीब छात्रों को मुफ्त दाखिले के लिए मंगलवार से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई, है जो 21 अप्रैल तक चलेगी।
बिना मान्यता के 82 स्कूलों की लटकी तलवार:
शिक्षा विभाग की बिना अनुमति संचालित किए जा रहे निजी स्कूलों को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। गुरुग्राम शहर में 82 स्कूल संचालकों को शिक्षा विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से नोटिस दिए जा चुके हैं। अवैध रूप से संचालित निजी स्कूलों को दो श्रेणियों में रखा गया है। एक श्रेणी में वे स्कूल शामिल हैं, जिनके पास अधूरी व अस्थायी अनुमति है अथवा प्राथमिक या उच्च विद्यालय की अनुमति है और वे 12वीं कक्षा तक स्कूल संचालित कर रहे हैं। वहीं दूसरी श्रेणी उन निजी स्कूलों की है, जो पूरी तरह से अमान्य हैं। इन स्कूलों के संचालक दूसरे स्कूलों से सांठगांठ करके विद्यार्थियों के दाखिले बोर्ड को भेजते थे। शिक्षा विभाग अब इन स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करेगा।
शिक्षा बोर्ड की टीमें करेंगी जांच:
निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर की महंगी किताबें लगाई तो खैर नहीं। इन स्कूलों की जांच अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड करेगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड जिला अनुसार अपनी विशेष जांच टीमें गठित करेगा। अभियान के तहत छठवीं से 12वीं कक्षा तक की पुस्तकों की जांच होगी। निजी स्कूलों में अतिरिक्त कमाई के फेर में या बेहतर परिणाम के फेर में स्कूल संचालक निजी पब्लिशर्स की महंगी किताबे लगाते है। जिससे बच्चों के अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। शिक्षा विभाग के अधिकारी पहले ही निजी स्कूल संचालकों को निर्देश दे चुके है कि निजी पब्लिशर्स की महंगी पुस्तकें न लगाए वरना कार्रवाई होगी। ऐसे स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई होगी और मान्यता भी रद्द हो सकती है।
वर्दी के पैसे अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मिलेगा:
सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल तक पिछले साल जहां पहली कक्षा में दाखिला करीब 70 हजार हुआ था। वहीं 15 अप्रैल तक करीब 15 हजार तक बच्चों का दाखिला हो चुका है। उम्मीद है कि 30 अप्रैल तक पिछले वर्ष से ज्यादा दाखिले हो जाएंगे। इससे राजकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हुई है और विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों की वर्दी के पैसे उनके बैंक खातों में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक डाल दिए जाएंगे। 21 अप्रैल तक मुफ्त किताबें भी दे दी जाएंगी।
- निजी स्कूलों में खाली सीटों की जानकारी पोर्टल पर नहीं दी है। उच्चधिकारियों से सूची आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। बिना मान्यता वाले स्कूलों को दाखिल नहीं करने का नोटिस दे दिया गया है।
सुदेश राघव, बीईओ गुरुग्राम
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