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अपर्णा आश्रम की जमीन बेचने को बनाए जाली दस्तावेज, फीस में मिले 5.5 करोड़; गुरुग्राम का वकील गिरफ्तार

गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दिवंगत योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के अपर्णा आश्रम की संपत्तियों को बेचने में मदद करने के लिए जाली दस्तावेज बनाने और इसके लिए 5.5 करोड़ रुपये लेने के आरोप में एक वरिष्ठ वकील को गिरफ्तार किया है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, गुरुग्राम। पीटीआईTue, 15 April 2025 06:01 AM
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अपर्णा आश्रम की जमीन बेचने को बनाए जाली दस्तावेज, फीस में मिले 5.5 करोड़; गुरुग्राम का वकील गिरफ्तार

गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दिवंगत योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के अपर्णा आश्रम की संपत्तियों को बेचने में मदद करने के लिए जाली दस्तावेज बनाने और इसके लिए 5.5 करोड़ रुपये लेने के आरोप में एक वरिष्ठ वकील को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार बताया कि दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद वकील रामानंद यादव को शहर की एक अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

वकील को गुरुग्राम से शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। उसने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसे यह रकम फीस के तौर पर दी गई थी। यादव ने हाल में फरवरी में गुरुग्राम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गया था। पुलिस ने कहा कि दस्तावेजों के अनुसार, गुरुग्राम के सेक्टर 30 में अपर्णा आश्रम की ‘करोड़ों रुपये की जमीन’ दिसंबर 2020 में दिवालियापन की कार्यवाही का सामना कर रही चार कंपनियों को 55 करोड़ रुपये में बेची गई थी।

पुलिस ने बताया कि यादव ने सेल डीड में कथित तौर पर जालसाजी की थी जिसके लिए उसे 5.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। पिछले साल जून में सेक्टर 40 पुलिस थाने में चार कंपनियों, दो नामजद व्यक्तियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि ईओडब्ल्यू की जांच के अनुसार, यादव को दस्तावेजों में जालसाजी करने और जमीन की बिक्री में मदद करने के लिए सौदे के तहत 5.5 करोड़ रुपये मिले थे।

इस साल फरवरी में पुलिस ने यादव को नोटिस जारी कर संबंधित केस रिकॉर्ड के साथ पेश होने को कहा था। पूछताछ के दौरान यादव ने दावा किया कि 5.5 करोड़ रुपये उसकी कानूनी फीस है। इसके बाद वकील ने 1 अप्रैल को जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें मामले में कानूनी सेवाएं देने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन पुलिस ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार दीवान की अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद वकील ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन राहत नहीं मिली। उसे आखिरकार ईओडब्ल्यू की टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।