गवाह को बार-बार धमकाया, दबाव में बदले बयान; जगदीश टाइटलर पर DSGMC के पूर्व अध्यक्ष का आरोप
सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दंगों के एक प्रमुख गवाह, सुरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर बार-बार धमकियां मिलने के बाद अपना बयान बदल दिया।

सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दंगों के एक प्रमुख गवाह, सुरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर बार-बार धमकियां मिलने के बाद अपना बयान बदल दिया। यह खुलासा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष अपनी गवाही के दौरान किया। उन्होंने बताया कि सुरेंदर सिंह ने उन्हें कई बार धमकी मिलने की बात बताई थी, जिसकी वजह से उन्होंने अलग-अलग बायन दिए थे।
जीके ने सिंह को समुदाय के समर्थन का आश्वासन दिया और उन्हें सच बोलने के लिए प्रोत्साहित किया। पुल बंगश में 1984 के सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में उनका बयान दर्ज किया जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर मुकदमा चल रहा है। स्पेशल जज जितेंद्र सिंह ने सीबीआई अभियोजक अमित जिंदल के जरिए मंजीत सिंह जीके का बयान दर्ज किया।
जीके ने कहा, "जब सुरेंद्र सिंह मुझसे मिले, तो उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें कई बार धमकाया गया था और इसी वजह से उन्होंने अलग-अलग बयान दिए। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि समुदाय उनका समर्थन कर रहा है और उन्हें सच बताना चाहिए। इसके बाद, उन्होंने वर्तमान मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर की संलिप्तता को लेकर सीबीआई को सच बताया।"
वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने सोमवार को विश्वास जताया कि मंजीत सिंह जीके की गवाही के बाद कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को दोषी ठहराया जाएगा, जिन पर 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश गुरुद्वारा के पास तीन सिखों की हत्या का आरोप है। स्पेशल जज ने 12 नवंबर 2024 को बादल सिंह की विधवा लखविंदर कौर का बयान दर्ज करने की कवायद पूरी कर ली थी। बादल सिंह की दंगों के दौरान गुरुद्वारा पुल बंगश में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
100 सिखों की हत्या करना स्वीकार किया
सुनवाई के दौरान कोर्ट में जगदीश टाइटलर के स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो क्लिप वाली सीडी भी दिखाई गई। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके द्वारा 2012 में किए गए स्टिंग ऑपरेशन को सबूत के तौर पर पेश किया गया। स्टिंग में टाइटलर ने कथित तौर पर 100 सिखों की हत्या की बात स्वीकार की और अपनी ताकत का बखान किया।