गुरुग्राम से नारनौल और राजस्थान जाना आसान, PM मोदी ने शुरू किया रेवाड़ी बाईपास; NCR को फायदा
अब गुरुग्राम, दिल्ली, झज्जर और फरीदाबाद से आने वाले लोगों को रेवाड़ी शहर से होकर नहीं जाना पड़ेगा। वह बाईपास का इस्तेमाल कर राजस्थान बिना किसी जाम के आसानी से जा सकेंगे। बता दें कि रेवाड़ी बाईपास की परिकल्पना नौ वर्ष पहले की गई थी।

अहीरवाल का लंदन कही जाने वाली रेवाड़ी का सफर काफी आसान होने वाला है। सोमवार को हिसार एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 किलोमीटर लंबे रेवाड़ी बाईपास का शुभारंभ किया। इस बाईपास से नारनौल और राजस्थान जाने वालों को राहत मिलेगी। जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। एक हजार करोड़ की लागत से बना चार लेन का बाईपास से रेवाड़ी और नारनौल का सफर मिनटों में शुरू होगा। बाईपास के शुरू होने से शहर में लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी।
अब गुरुग्राम, दिल्ली, झज्जर और फरीदाबाद से आने वाले लोगों को रेवाड़ी शहर से होकर नहीं जाना पड़ेगा। वह बाईपास का इस्तेमाल कर राजस्थान बिना किसी जाम के आसानी से जा सकेंगे। बता दें कि रेवाड़ी बाईपास की परिकल्पना नौ वर्ष पहले की गई थी। केंद्र की भारतमाला परियोजना के अंतर्गत निर्मित इस बाईपास को बनाने के लिए अनेक राजनीतिक बाधाओं का सामना भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को करना पड़ा था। उनके राजनीतिक विरोधियों की सोच थी कि रेवाड़ी में इस प्रकार के बाईपास की आवश्यकता ही नहीं है।
केंद्र सरकार में भी कुछ लोगों ने इसकी पैरवी की और इस रेवाड़ी बाईपास को व्यर्थ का खर्चा बताया। उनके विरोधी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के पैसों से तैयार झज्जर रोड बाईपास को ही रेवाड़ी के लिए पर्याप्त बताकर भारतमाला के अंतर्गत बनने वाले रेवाड़ी के नए आउटर बाईपास की फाइल को दबाने में लगे रहे।
एक हजार करोड़ रुपये की लागत आई
बता दे कि एक हजार करोड़ की लागत से तैयार 15 किलोमीटर लंबे बाईपास के बनने के बाद रेवाड़ी शहर का भारी यातायात शहर के बाहर से गुजरने लगा है और शहर के लोगों खासी राहत जाम से मिली है। रेवाडी के आउटर बाईपास बनने के बाद 15 किलोमीटर क्षेत्र का नजारा लंदन से कम नजर नहीं आ रहा है। बाईपास पर अनेकों आवासीय परियोजनाएं के साथ साथ रैपिड मेट्रो से जुड़ने के भी रास्ते खुल गए हैं। लोगों और विकल्प मिल जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर बताई थी जरूरत
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रेवाड़ी के नए आउटर बाईपास के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी से मुलाकात कर उन्हें रेवाड़ी में भारी वाहनों लगने वाले प्रतिदिन यातायात जाम की समस्या से अवगत करवाया। उन्होंने राइट्स जैसी सर्वे एजेंसी से इस बाईपास निर्माण के लिए सर्वे करवाकर केंद्रीय मंत्री गडकरी को सौंपा। राइट्स के सर्वे में पाया गया कि रेवाड़ी शहर के अंदर से जा रहे भारी यातायात को नियंत्रित करने के लिए एक नए आउटर बाइपास की आवश्यकता है और इसको बनाने की जरूरत है।