CBDT Issues Revised ITR-Form 6 for Companies Effective April 2025 नए बदलावों के साथ आईटीआर फॉर्म-6 जारी, Delhi Hindi News - Hindustan
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नए बदलावों के साथ आईटीआर फॉर्म-6 जारी

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कंपनियों के लिए संशोधित आईटीआर-फॉर्म-6 जारी किया है, जो एक अप्रैल, 2025 से लागू होगा। इस फॉर्म में कंपनियों को विभिन्न जानकारियां जैसे पैन, सीआईएन, कंपनी की प्रकृति और...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 8 May 2025 04:42 PM
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नए बदलावों के साथ आईटीआर फॉर्म-6 जारी

शोल्डर::कंपनियों को कारोबार शुरू करने की तारीख के साथ अन्य जानकारियां देनी होंगी नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने बुधवार सात मई को संशोधित आईटीआर-फार्म-6 जारी किया है। भारत के गजट में प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक फॉर्म-6 का बदला हुआ स्वरूप एक अप्रैल, 2025 से लागू कर दिया गया है। आयकर विभाग ने नया फॉर्म जारी करते हुए बताया कि सीबीडीटी ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए कंपनियों के लिए लागू संशोधित आईटीआर-फॉर्म 6 की गजट अधिसूचना जारी कर दी है। यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए लागू होगा।

यह संशोधन आयकर अधिनियम की धारा 139 के साथ धारा 295 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए आयकर (16वां संशोधन) नियम, 2025 के जरिये से पेश किए गए हैं। संशोधित आईटीआर-फॉर्म 6 का मकसद पारदर्शिता को बढ़ाना और मौजूदा नियामकीय और रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड के मुताबिक बनाते हुए बेहतर अनुपालन और निगरानी की सुविधा देना है। छह प्रमुख बदलाव 1. अधिसूचित पूंजीगत लाभ कर के बंटवारे को लेकर पहला बदलाव किया गया है। इसके तहत 23.07.2024 से पहले और उसके बाद हुए पूंजीगत लाभ को अलग-अलग किया गया है। इसके लिए आयकर नियम, 1962 की अनसूची-II में दिए गए आईटीआर-फॉर्म 6 के प्रारूप को पूरी तरह से बदल दिया गया है। 2. बड़े बदलावों में शेयर बायबैक की वजह से हुई पूंजीगत हानि को मंजूरी देना भी शामिल है। इसके तहत अगर किसी शेयर से बंधित लाभांश आय को अन्य स्रोतों से आय के रूप में दिखाया जाता है, तो शेयर बायबैक की वजह से हुई पूंजीगत हानि को आईटीआर में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, यह नुकसान एक अक्टूबर, 2024 के बाद का होना चाहिए। 3. नए फॉर्म में कंपनियों को कई खुलासे करने को कहा गया है, इनमें पैन, सीआईएन और कॉर्पोरेशन की डेट जैसी जानकारियां देनी होंगी। 4. आयकर रिटर्न फाइल करते हुए अब कंपनियों को कंपनी की प्रकृति स्पष्ट करनी होगी कि कंपनी घरेलू है या विदेशी। इसके अलावा कंपनी ने पहले अपना नाम बदला है या नहीं। 5. कंपनियों को कारोबार शुरू करने की तारीख बतानी होगी। इसके साथ ही पंजीकृत कार्यालय का पता, संपर्क विवरण और ईमेल आईडी का विवरण भी देना होगा। 6. धारा 44बीबीसी में व्यवसाय को स्पष्ट किया गया है। इसके साथ ही इसका संदर्भ जोड़ा गया है। वहीं, नियम 10टीआईए में बदलाव किया गया है, जो कच्चे हीरे की बिक्री से होने वाला लाभ, सकल प्राप्तियों का 4% या उससे अधिक होने की स्थिति में रिपोर्ट करना होगा। इसके अलावा धारा 24(बी) के तहत क्लेम की गई कटौतियों को शामिल करने के लिए बदलाव किए गए हैं। वहीं, टीडीएस की रिपोर्टिंग को लेकर भी बदलाव किए गए हैं।

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