जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश : सूत्र
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की है। यह निर्णय जस्टिस वर्मा के घर से नकदी बरामदगी के मामले में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया। मुख्य न्यायाधीश ने...

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की है। जस्टिस वर्मा के घर से नकदी मिलने के मामले की जांच को गठित समिति की रिपोर्ट के बाद मुख्य न्यायाधीश ने यह सिफारिश की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उस समिति की रिपोर्ट साझा की है, जिसने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ नकदी बरामदगी के आरोपों की जांच की है। मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने समिति की रिपोर्ट के साथ न्यायमूर्ति वर्मा का जवाब भी साझा किया है। इसलिए की गई महाभियोग की सिफारिश यह कदम स्थापित आंतरिक प्रक्रिया के मद्देनजर महत्वपूर्ण है, जिसके तहत जज को इस्तीफा देने की सलाह का पालन नहीं किए जाने पर मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को महाभियोग चलाने के लिए पत्र लिखते हैं।
समिति ने आरोपों की पुष्टि की है सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने आंतरिक प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट की प्रति और जस्टिस यशवंत वर्मा के पक्ष की प्रति संलग्न है। सूत्रों ने पहले बताया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने नकदी बरामदगी मामले में अपनी जांच रिपोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की पुष्टि की है। समिति के सदस्य पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी. एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अनु शिवरमन की तीन-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश को सौंपी थी। जस्टिस वर्मा ने हर बार आरोपों का खंडन किया सूत्रों के अनुसार मुख्य न्यायाधीश ने समिति की रिपोर्ट पहले न्यायमूर्ति वर्मा को भेजी थी और उनसे जवाब मांगा था। सूत्रों ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने रिपोर्ट में महत्वपूर्ण निष्कर्षों के मद्देनजर न्यायमूर्ति वर्मा को पद छोड़ने का सुझाव दिया था। न्यायमूर्ति वर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति को दिए गए अपने जवाब में इस आरोप का बार-बार खंडन किया है। अब तक क्या-क्या कदम उठाए न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर कथित तौर पर नकदी बरामदगी से जुड़ी खबर सामने आने के बाद कई कदम उठाए गए। जिनमें दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय द्वारा प्रारंभिक जांच की गई। न्यायमूर्ति वर्मा को न्यायिक कार्य से रोका गया। बाद में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वह जस्टिस वर्मा को फिलहाल कोई न्यायिक कार्य न सौंपें।
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