India s Linguistic Diversity 75 Speak Only One Language Despite Multilingual Policy सिर्फ एक ही भाषा जानती है देश की तीन चौथाई आबादी, Delhi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsIndia s Linguistic Diversity 75 Speak Only One Language Despite Multilingual Policy

सिर्फ एक ही भाषा जानती है देश की तीन चौथाई आबादी

भारत की भाषाई विविधता के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 75% लोग केवल एक भाषा जानते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, 26% लोग दो भाषाएं जानते हैं और 7.1% से कम लोग तीन या अधिक भाषाओं में सक्षम हैं। हिंदी और...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 21 March 2025 01:35 PM
share Share
Follow Us on
सिर्फ एक ही भाषा जानती है देश की तीन चौथाई आबादी

नई दिल्ली, अभिषेक झा। भारत अपनी भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश की तीन चौथाई यानी करीब 75 फीसदी आबादी सिर्फ एक ही भाषा जानती है। 2011 की जनगणना के अनुसार, केवल 26 फीसदी भारतीय दो भाषाएं जानते हैं, जबकि तीन या अधिक भाषाओं पर पकड़ रखने वालों की संख्या सिर्फ 7.1 फीसदी है।

दरअसल, हिंदी बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक होने के कारण, देश में बहुभाषिकता की उपयोगिता और व्यवहारिकता को लेकर हमेशा चर्चा होती रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तीन-भाषा फॉर्मूले की चर्चा के बाद यह बहस फिर तेज हो गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यह स्थिति उतनी सीधी नहीं है, जितनी सतही तौर पर नजर आती है।

1. राज्यों के अनुसार अनुपात काफी अलग

जहां महाराष्ट्र में 51.1 फीसदी लोग दो भाषाएं जानते हैं, वहीं राजस्थान में यह आंकड़ा सिर्फ 10.9 फीसदी है। इसी तरह, पंजाब में 28.2 फीसदी लोग तीन भाषाओं में सक्षम हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में यह मात्र 1.3 फीसदी है।

ग्राफ

भारत में द्विभाषी/त्रिभाषी लोगों का प्रतिशत

भूरा रंग: केवल द्विभाषी

हरा रंग: कम से कम त्रिभाषी

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, ओडिशा , कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, असम, पंजाब, जम्मू-कश्मीर लद्दाख, महाराष्ट्र

2. हिंदी और अंग्रेजी का वर्चस्व

भारत में ज्यादातर लोग दो भाषाएं बोलते हैं, जिनमें हिंदी और अंग्रेजी सबसे आगे हैं। करीब 70 प्रतिशत लोग इन्हें दूसरी भाषा के रूप में अपनाते हैं - हिंदी 44.1 प्रतिशत और अंग्रेजी 26 प्रतिशत। 19 बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नौ में हिंदी और सात में अंग्रेजी दूसरी भाषा के रूप में प्रमुख है। कुछ राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में अन्य भाषाएं ज्यादा बोली जाती हैं, जैसे कर्नाटक में कन्नड़, असम में असमिया और जम्मू कश्मीर में उर्दू। तीसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी (53 प्रतिशत) और हिंदी (28 प्रतिशत) सबसे आगे हैं। 19 में से 14 बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अंग्रेजी सबसे ज्यादा तीसरी भाषा के रूप में इस्तेमाल होती है।

ग्राफ

दूसरी भाषा के अनुसार लोगों का वितरण (प्रतिशत में)

नीला रंग : अंग्रेजी

लाल रंग : हिंदी

ग्रे रंग : अन्य भाषाएं

पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडीशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर लद्दाख, असम, कर्नाटक

3. भाषाओं की विविधता से बढ़ी द्विभाषी प्रवृत्ति

कुछ राज्यों में दूसरी सबसे बड़ी भाषा वही है, जो पहली भाषा होती है, जैसे कर्नाटक में कन्नड़ और असम में असमिया। नौ राज्यों में हिंदी दूसरी सबसे बड़ी भाषा है, जिनमें से पांच में यह पहली भाषा भी है। अगर किसी राज्य में अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले ज्यादा हैं, तो वे आमतौर पर राज्य की प्रमुख भाषा भी सीखते हैं। जैसे, बिहार में मैथिली और झारखंड में संथाली व बांग्ला बोलने वालों की संख्या अच्छी होने से हिंदी वहां उतनी प्रभावी नहीं है। इसी तरह, कर्नाटक और असम में दूसरी सबसे बड़ी भाषा कन्नड़ और असमिया है।

4. पड़ोसी राज्यों की भाषाओं का असर

द्विभाषी लोगों की संख्या बढ़ने का एक कारण पड़ोसी राज्यों की भाषाई समानता है। पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात में पंजाबी, मराठी और गुजराती हिंदी से मिलती-जुलती हैं, क्योंकि ये एक ही भाषा परिवार (हिंद-आर्य) से हैं। लोग आसानी से इन्हें सीख लेते हैं, जिससे द्विभाषी और त्रिभाषी लोगों की संख्या बढ़ती है। भारत में 26 प्रतिशत लोग दो भाषाएं बोलते हैं, लेकिन अलग भाषा परिवार की भाषाएं बोलने वाले सिर्फ 14 प्रतिशत हैं। इसमें भी अधिकतर लोग अंग्रेजी की वजह से आते हैं। अगर अंग्रेजी हटा दें, तो यह संख्या 4.8 प्रतिशत रह जाती है। सिर्फ कर्नाटक, अविभाजित आंध्र प्रदेश, झारखंड और केरल में 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग बिना अंग्रेजी के दो अलग भाषा परिवारों की भाषाएं बोलते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।