विश्वविद्यालय तकनीकी बदलावों के लिए पूरी तरह तैयार रहें: अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता विश्वविद्यालय तकनीकी बदलावों के लिए पूरी तरह तैयार

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता विश्वविद्यालय तकनीकी बदलावों के लिए पूरी तरह तैयार रहें। अगर आप 5जी की बात करें तो हमने देशभर की यूनिवर्सिटीज और संस्थानों में 100 5जी लैब्स की स्थापना की थी। ठीक उसी तरह सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी हमने देश की 240 यूनिवर्सिटीज में सबसे महत्वपूर्ण, जटिल और उन्नत ईडीए टूल्स उपलब्ध कराए हैं। अब हम उद्योग जगत के बड़े नामों और सफल लोगों जैसे विनोद धाम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने अध्ययन संस्थानों को वापस कुछ दे सकें। उक्त बातें केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) में 'विनोद धाम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सेमीकंडक्टर्स एंड माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स' के उद्घाटन अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे महत्वपूर्ण विजन यही है कि हमारे विश्वविद्यालय तकनीकी बदलावों के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि विनोद धाम ने डीटीयू में एक ऐसा सेमीकंडक्टर लैब स्थापित किया है जहां छात्र डिज़ाइन, मैन्युफैक्चरिंग और फैब्रिकेशन की संयुक्त प्रक्रिया को सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमने कुछ हासिल किया है, तो हमें अपने संस्थानों को वापस कुछ देना चाहिए ताकि अगली पीढ़ी के लिए नए अवसर तैयार हो सकें।
उन्होंने कहा कि आज युवाओं के पास बहुत अवसर हैं। भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री अब आत्मनिर्भर बन रही है और छात्र इसका अभिन्न हिस्सा बन सकते हैं।
समारोह में डीटीयू द्वारा अश्विनी वैष्णव को ‘डिस्टिंग्विश्ड सर्विस अवॉर्ड और विनोद धाम को विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रतीक शर्मा ने अपने संबोधन में अश्विनी वैष्णव और विनोद धाम का विशेष धन्यवाद करते हुए कहा कि यह केंद्र ‘विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यह केंद्र सेमीकंडक्टर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान, नवाचार और मानव संसाधन विकास का केंद्र बनेगा। इसके अंतर्गत पुरड्यू यूनिवर्सिटी और अन्य अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ संयुक्त डिग्री कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं।
विनोद धाम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर आज की सभ्यता की जीवनरेखा हैं और भारत में तकनीकी नवाचार की अपार संभावना है। उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कौशल विकास और संस्थानों के सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने डीटीयू द्वारा सेमीकंडक्टर प्रशिक्षण में पहला बैच पास करने पर बधाई दी और छात्रों से अपील की कि वे इस क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाने का संकल्प लें।
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