पहलगाम हमले पर बोले उमर-पर्यटकों की सुरक्षा करने में नाकाम रहा
नोट-- एक बॉक्स ‘पहली बार मस्जिदों में रखा गया मौन जोड़ा गया है। साथ ही

जम्मू, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को पहलगाम में हुए दर्दनाक हमले पर दुख व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे पर्यटकों की सुरक्षा करने में नाकाम रहे। अभी पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं करूंगा
उमर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी नहीं है, लेकिन मैं इस मौके का इस्तेमाल पूर्ण राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं सस्ती राजनीति में विश्वास नहीं करता। हमने पहले भी केंद्र सरकार के साथ पूर्ण राज्य के दर्जे के बारे में बात की है और हम भविष्य में भी इस बारे में बात करते रहेंगे, लेकिन अभी नहीं। यह समय आतंकी हमले की निंदा करने और अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने का है।
कई सालों में पहली बार दिखा ऐसा विरोध-प्रदर्शन
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कई सालों में पहली बार मैंने ऐसा विरोध-प्रदर्शन देखा जो वाकई एकजुट था। किसी राजनीतिक दल या नेता ने उन्हें संगठित नहीं किया और न ही किसी संगठित बैनर या मोमबत्ती मार्च की योजना बनाई गई। आक्रोश और दुख स्वतः स्फूर्त था, जो सीधे लोगों के दिलों से निकल रहा था। हर मस्जिद में मौन रखा गया।
पहली बार मस्जिदों में रखा गया मौन
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा कि श्रीनगर की मस्जिदों में पहली बार शुक्रवार की नमाज से पहले दो मिनट का मौन रखा गया। उन्होंने कहा, ‘हमने कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक 36 वर्षों में पहली बार लोगों को अपने घरों से बाहर निकलते देखा। शायद ही कोई ऐसी जगह हो, जहां लोगों ने इसकी निंदा न की हो।
लोगों के सहयोग से आतंकवाद खत्म करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लोग हमारे साथ होंगे, तब आतंकवाद या उग्रवाद खत्म हो जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ लोगों के आक्रोश को देखते हुए अगर हम उचित कदम उठाते हैं, तो यह इसके खत्म होने की शुरुआत होगी। अब्दुल्ला ने आगाह किया कि सरकार को ऐसा कोई कदम उठाने से बचना चाहिए, जिससे जनता अलग-थलग पड़ जाए। हम बंदूक से आतंकवाद को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन अगर लोग हमारे साथ हैं तो हम आतंकवाद को खत्म कर सकते हैं। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है।
विधानसभा में प्रस्ताव पारित
विधानसभा में सर्वसम्मति से पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और प्रगति में बाधा डालने वाले नापाक इरादों को हराने के लिए दृढ़ता से लड़ने का संकल्प लिया गया। संकल्प में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा अपने सभी नागरिकों के लिए शांति, विकास और समावेशी समृद्धि का माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। विधानसभा के विशेष सत्र में सैयद आदिल हुसैन शाह के सर्वोच्च बलिदान का उल्लेख किया गया, जिन्होंने आतंकवादी हमले से पर्यटकों को बचाने की कोशिश करते हुए अपनी जान दे दी।
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पाकिस्तान ने मानवता की हत्या की : फारूक अब्दुल्ला
जम्मू, एजेंसी।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने मानवता की हत्या की है। उन्होंने भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्तान को क्या जवाब दिया जाए। हम सभी उनके साथ हैं। फारूक ने कहा कि मैं हर बार पाकिस्तान के साथ बातचीत का पक्षधर था। इस हमले के बाद हम उन लोगों को कैसे जवाब देंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया? उन्होंने कहा कि बालाकोट नहीं, आज राष्ट्र ऐसी कार्रवाई चाहता है, ताकि इस तरह के हमले कभी ना हों। जेकेएनसी प्रमुख ने भारत की एकता पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी एक हैं। भारत हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा कि हमें अफसोस है कि हमारा पड़ोसी आज भी यह नहीं समझ रहा है कि उसने मानवता की हत्या की है। अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करके हम पाकिस्तान के साथ चले जाएंगे, तो हमें उनकी गलतफहमी दूर कर देनी चाहिए। हम 1947 में उनके साथ नहीं गए थे, तो आज क्यों जाएंगे?
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