व्यक्ति जब खेलता है तो खिलता है : मांडविया
भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दिल्ली विश्वविद्यालय खेल परिषद के वार्षिक खेल पुरस्कार समारोह में कहा कि खेल एक संस्कार और जीवनशैली है। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि डीयू...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। खेल एक संस्कार है, एक स्वभाव है, एक जीवन शैली है और एक अनुशासन है। यह हमें सिखाते हैं कि हम खेलते रहें और खिलते रहें। कोई भी व्यक्ति जब खेलता है, तो वह खिलता है। ये बातें भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दिल्ली विश्वविद्यालय खेल परिषद (डीयूएससी) की ओर से आयोजित वार्षिक खेल पुरस्कार समारोह 2025 में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहीं। समारोह का आयोजन बुधवार देर शाम डीयू के वाइस रीगल लॉज स्थित कन्वेंशन हॉल में किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि डीयू के विद्यार्थी खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
ओलंपिक खेलों से लेकर अनेकों अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में डीयू से जुड़े खिलाड़ियों ने बहुत से पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया है। कुलपति ने इसके लिए सभी प्रतिभाओं को बधाई दी। उन्होंने बताया कि डीयू के दाखिलों में स्पोर्ट्स के लिए सुपरन्यूमरेरी कोटा का प्रावधान किया गया है। डीयू के पूर्व विद्यार्थी भी सम्मानित समारोह में अर्जुन अवार्डी डीयू के पूर्व विद्यार्थी एवं पैरालंपिक 2024 में गोल्ड मेडल और पैरालंपिक 2020 में सिल्वर मेडल विजेता प्रवीन कुमार को सम्मानित किया गया। इसके अलावा पैरालंपिक 2024 में सिल्वर मेडल और पैरालंपिक 2020 में ब्रॉन्ज मेडल विजेता शरद कुमार को भी सम्मानित किया गया। पैरालंपिक 2024 में भाग लेने वाले डीयू के विद्यार्थी रुद्रांश खंडेलवाल को भी सम्मानित किया गया। ओलिंपिक 2024 में शूटिंग में भाग लेने वाली डीयू की विद्यार्थी रिदम सांगवान एवं रमिता जिंदल को भी पुरस्कृत किया गया।
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