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चलते-चलते : बिना अस्थमा वाले बच्चों में बीमारी का कारण बन रहा एंटरोवायरस

- वायरस से बच्चों के जिसमें हाथ-पैरों में कमजोरी भी आ सकती है न्यूयॉर्क,

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 14 May 2025 01:37 PM
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चलते-चलते : बिना अस्थमा वाले बच्चों में बीमारी का कारण बन रहा एंटरोवायरस

- वायरस से बच्चों के जिसमें हाथ-पैरों में कमजोरी भी आ सकती है न्यूयॉर्क, एजेंसी। अगर बच्चे को खांसी, सांस लेने में तकलीफ या बुखार होता है तो आप इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर बच्चे को इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं तो उनके अंदर एंटरोवायरस हो सकता है जो बिना अस्थमा वाले बच्चों में भी सक्रिय पाया गया है। यह अध्ययन अमेरिका के सात प्रमुख बच्चों के अस्पतालों में 2017 से 2022 के बीच किया गया और इसमें करीब एक हजार बच्चों के मामलों का विश्लेषण किया गया जिनमें एंटरोवायरस डी68 (ईवी-डी68) की पुष्टि हुई थी।

इसमें 536 बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। 339 बच्चों को ऑक्सीजन देनी पड़ी और 87 बच्चे आईसीयू में भर्ती किए गए। ये सभी बच्चें 18 साल से कम उम्र के थे। किसे सबसे ज्यादा खतरा : अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों को अस्थमा नहीं था, लेकिन अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थीं (दिल या अन्य जन्मजात बीमारियां) उनमें गंभीर लक्षणों की संभावना अधिक थी। इसमें आईसीयू में भर्ती होने की संभावना 3 गुना ज्यादा और ऑक्सीजन की जरूरत 2.7 गुना ज्यादा पाई गई। कई ऐसे बच्चे थे जिन्हें पहले कभी अस्थमा नहीं था, लेकिन अस्पताल से छुट्टी के समय अस्थमा की बीमारी के रूप में दर्ज किया गया। इससे पता चलता है कि ईवी-डी68 के लक्षण अस्थमा से बहुत मिलते-जुलते हैं, लेकिन इसका असर बिना अस्थमा वाले बच्चों पर भी गंभीर हो सकता है। क्या है एंटरोवायर डी-68 एंटरोवायरस डी68 (ईवी-डी68) एक वायरस है जो बच्चों में सांस की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। आमतौर पर यह वायरस अस्थमा जैसे लक्षण दिखाता है जैसे खांसी, घरघराहट और सांस फूलना। कुछ मामलों में यह एक्यूट फ्लेसिड माइलिटिस (एएफएम) नामक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी से भी जुड़ा है, जिसमें बच्चों के हाथ-पैरों में कमजोरी आ सकती है।

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