छात्रों में दिव्यांगता की होगी जांच
नई दिल्ली में सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की दिव्यांगता की पहचान के लिए स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया जाएगा। यह प्रक्रिया कक्षा शिक्षक द्वारा प्रारंभिक जांच और फिर विशेष शिक्षक द्वारा...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। राजधानी के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में दिव्यांगता की पहचान की जाएगी। यह स्क्रीनिंग दो चरण में की जाएगी। इसमें कक्षा शिक्षक द्वारा शुरुआती जांच होगी। इसके बाद विशेष शिक्षक या काउंसलर द्वारा गहनता से जांच की जाएगी। इसमें दृष्टि बाधित होना, सुनने या बोलने में परेशानी, चलने-फिरने में दिक्कत, बौद्धिक अक्षमता, ऑटिज्म सहित 21 प्रकार की दिव्यांगताओं के लिए वार्षिक स्क्रीनिंग अभियान चलेगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने परिपत्र जारी किया है। इसके तहत सभी स्कूल प्रमुखों को इस कार्य को करने के लिए कहा है। इसमें स्कूलों में पढ़ने वाले सभी दिव्यांग छात्रों को चिह्नित किया जाएगा। साथ ही, उनको सभी जरूरी मदद और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस जांच के लिए एक प्रशस्त मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसमें सभी छात्रों का डाटा एकत्रित होगा। वहीं, इसमें नए दाखिला लेने वाले छात्रों को शामिल की जाएगा। शिक्षकों को पहले ऐप का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें जरूरी बात है कि अभिभावकों से लिखित सहमति लेनी होगी। जिस भी छात्र में दिव्यांगता के लक्षण दिखेंगे, उनकी एक सूची बनाई जाएगी। साथ ही, एक विस्तृत जांच की जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट जिला समन्वयकों को भेजी जाएगी। स्कूलों को सितंबर माह तक इस कार्य को पूरा करना है। शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य है कि छात्रों में किसी भी तरह की समस्या को जल्दी पहचान कर उन्हें सही समय पर मदद और समावेशी शिक्षा देना।
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