अदालत प्रबंधक के संबंध में नियम बनाएं सभी हाईकोर्ट : सर्वोच्च न्यायालय
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया है कि वे अदालत प्रबंधकों की कार्यप्रणाली पर नियम बनाएं या उनमें संशोधन करें। अदालत ने तीन महीने के भीतर संबंधित राज्यों को मंजूरी के लिए सौंपने की बात...

नियम को तीन महीने में मंजूरी के लिए संबंधित राज्यों को सौंपा जाए : शीर्ष कोर्ट नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया कि वे अदालत प्रबंधकों की कार्यप्रणाली पर नियम बनाएं या उनमें संशोधन करें। अदालत ने तीन महीने के भीतर उसे मंजूरी के लिए संबंधित राज्यों को सौंपने को भी कहा। अदालत प्रबंधकों की अवधारणा पहली बार 13वें वित्त आयोग (2010-2015) द्वारा जज को उनके प्रशासनिक कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रस्तावित की गई थी। अदालत प्रबंधकों की नियुक्ति जिला अदालतों और और उच्च न्यायालयों दोनों में की जानी है।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालयों को असम नियम, 2018 से प्रेरणा लेते हुए नियम बनाने या संशोधित करने चाहिए। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि हम निर्देश देते हैं कि उच्च न्यायालयों द्वारा बनाए गए नियमों या उनके संशोधनों की प्राप्ति के बाद, संबंधित राज्य सरकारें इसे अंतिम रूप देंगी और तीन महीने की अतिरिक्त अवधि के भीतर मंजूरी देंगी। अदालत ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि उच्च न्यायालयों के संबंधित रजिस्ट्रार जनरल और राज्य सरकारों के मुख्य सचिव उपरोक्त समयसीमा का पालन करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। हाईकोर्ट, राज्य नियमों में परिवर्तन कर सकते हैं शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालयों और राज्य सरकारों को अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उपयुक्त संशोधन या परिवर्तन करने की छूट है। द्वितीय श्रेणी का अधिकारी होना चाहिए अदालत ने स्पष्ट किया कि मूल वेतन, भत्ते और अन्य सेवा लाभों के उद्देश्य से अदालत प्रबंधकों का न्यूनतम पद द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी का होना चाहिए। इनके अंडर में होंगे कोर्ट प्रबंधक शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालयों में नियुक्त अदालत प्रबंधकों को उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल या रजिस्ट्रार के निर्देशों और पर्यवेक्षण में काम करना चाहिए। पीठ ने कहा कि जिला न्यायालयों में नियुक्त अदालत प्रबंधकों को संबंधित न्यायालयों के रजिस्ट्रार या अधीक्षकों की देखरेख में काम करना चाहिए।
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