No compromise on citizen life and safety Delhi High Court told Lajpat Nagar market street vendors ‘नागरिक जीवन और सुरक्षा से समझौता नहीं’ लाजपत नगर मार्केट के रेहड़ी-पटरी वालों से बोला दिल्ली हाईकोर्ट, Ncr Hindi News - Hindustan
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‘नागरिक जीवन और सुरक्षा से समझौता नहीं’ लाजपत नगर मार्केट के रेहड़ी-पटरी वालों से बोला दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के नागरिकों के जीवन और सुरक्षा के अधिकार को सर्वोच्च मानते हुए लाजपत नगर मार्केट में रेहड़ी-पटरी लगाने पर रोक संबंधी याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी की आजीविका जरूरी हो सकती है, लेकिन यह दूसरों की जान को जोखिम में डालकर नहीं दी जा सकती।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकFri, 13 June 2025 02:41 PM
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‘नागरिक जीवन और सुरक्षा से समझौता नहीं’ लाजपत नगर मार्केट के रेहड़ी-पटरी वालों से बोला दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के नागरिकों के जीवन और सुरक्षा के अधिकार को सर्वोच्च मानते हुए लाजपत नगर मार्केट में रेहड़ी-पटरी लगाने पर रोक संबंधी याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी की आजीविका जरूरी हो सकती है, लेकिन यह दूसरों की जान को जोखिम में डालकर नहीं दी जा सकती।

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने कहा कि अगर इस इलाके में फेरीवालों को अनुमति दी गई तो यह हजारों लोगों की सुरक्षा से समझौता होगा। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि 1996 में लाजपत नगर में हुए बम धमाके के दौरान आपातकालीन सेवाओं को घटनास्थल तक पहुंचने में देरी अतिक्रमण के कारण हुई थी। इसी तरह हाल ही में नेहरू प्लेस में आग लगने पर दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में दिक्कत आई थी क्योंकि फुटपाथ और सड़कें अवैध विक्रेताओं से घिरी थीं।

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एमसीडी ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए दिल्ली के कई क्षेत्रों को नो-वेंडिंग व नो-स्क्वाटिंग जोन घोषित किया गया है। अदालत ने स्थिति को गंभीर मानते हुए रेहड़ी-पटरी वालों की याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता 45 विक्रेताओं ने दावा किया था कि उन्हें टाउन वेंडिंग समिति (टीवीसी) के सर्वे में शामिल नहीं किया गया, जिससे उनके भविष्य के अधिकारों को खतरा है। वे चाहते थे कि भविष्य में विक्रेताओं के रूप में उनकी पहचान बनी रहे, भले ही वे अभी वहां न बेच सकें।

लाजपत नगर नो-वेंडिंग जोन घोषित : एमसीडी ने अदालत को बताया कि जुलाई 2021 के आदेश के अनुसार लाजपत नगर पूरी तरह नो-वेंडिंग जोन घोषित है, इसलिए वहां सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने जानबूझकर पूर्व आदेशों की अनदेखी की और तथ्य तोड़-मरोड़कर पेश किए। इस कारण उन पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसे दो सप्ताह में उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन में जमा कराने का निर्देश दिया गया।