पाक में बिताए 90 दिन, जासूस कासिम तक कैसे पहुंची स्पेशल सेल? दिल्ली पुलिस ने बताई कहानी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान के मेवात इलाके से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में कासिम नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। कैसे उस तक पहुंची पुलिस? कासिम की पूरी क्राइम कुंडली...

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (एनडीआर) ने बुधवार को राजस्थान के मेवात इलाके से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी 34 वर्षीय कासिम न केवल दो बार पाकिस्तान जा चुका है वरन पाक खुफिया ऑपरेटिव (पीआईओ) के अधिकारियों को भारतीय सिम कार्ड भी देकर आया है। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल भारत में जासूसी के लिया किया जा रहा था। पुलिस ने आरोपी कासिम ने आईएसआई को सेना से संबंधित प्रतिष्ठानों और अन्य सरकारी कार्यालयों की संवेदनशील जानकारी भेजी है। उसके पास से पुलिस ने मोबाइल, कई सिम कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण सुराग बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियां
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कासिम पाकिस्तान के कुछ सोशल मीडिया हस्तियों, खासतौर पर यूट्यूबर्स के संपर्क में रहा है। यह संपर्क सोशल मीडिया माध्यमों, खासकर यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए बताया जा रहा है।
लंबे समय से पुलिस की थी नजर
पुलिस अधिकारी ने बताया कि कासिम की डिजिटल गतिविधियां और पाकिस्तानी लिंक पर पुलिस टीम की लंबे समय से नजर थी। पुलिस की यह कार्रवाई आरोपी की संदिग्ध गतिविधियों और पाकिस्तान से संभावित संपर्कों के आधार पर की गई है।
दो बार में 90 दिन बिताए पाकिस्तान में
पुलिस की जांच में पता चला है कि कासिम अगस्त 2024 और मार्च 2025 में दो बार पाकिस्तान रह कर आया था। लगभग 90 दिनों तक कासिम पाकिस्तान में रहा और आईएसआई के लोगों से उसने मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि आईएसआई के लोगों के कहने पर उसको विशेष ट्रेनिंग भी दी गई थी।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गद्दारी
सूत्रों ने बताया कि जांच में सामने आया है कि कासिम पाकिस्तान से आने के बाद लगातार वहां के अधिकारियों और लोगों के सम्पर्क में था। सूत्रों ने बताया कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसकी पाकिस्तानी नंबरों से मोबाइल पर बातचीत की पुष्टि हुई थी। वह सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों के जरिए भी पाकिस्तान में मौजूद कुछ लोगों के संपर्क में था।
कई संदिग्ध मैसेज और कॉल्स मिले
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी कासिम के फोन से कई संदिग्ध कॉल्स और मैसेज मिले हैं। पुलिस उनकी छानबीन कर रही है। उधर, आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बाद मेवात के पहाड़ी थाना पुलिस ने गांव में निगरानी बढ़ा दी है। पुलिस अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रही है। ऐसे मामले देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
10 माह से था पुलिस की रडार पर
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कासिम बीते 10 महीने से पुलिस के रडार पर था। सितंबर 2024 में स्पेशल सेल की टीम को जानकारी मिली थी कि भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल भारत में जासूसी गतिविधियों के लिए पाक खुफिया ऑपरेटिव (पीआईओ) द्वारा किया जा रहा है। ये सिम कार्ड कुछ भारतीयों द्वारा पाकिस्तान भेजे जा रहे हैं।
कासिम तक ऐसे पहुंची पुलिस
जानकारी जुटाने पर कासिम का नाम सामने आया। इसके बाद कासिम पर निगरानी बढ़ाई गई। फिर पूरी तैयारी के साथ सटीक इनपुट के आधार पर कासिम को दबोच लिया गया। सामने आया कि कासिम द्वारा लिए गए सिम कार्ड के नंबरों पर व्हाट्सएप पर का उपयोग करके, पीआईओ संवेदनशील प्रतिष्ठानों से संबंधित सेना और अन्य सरकारी कार्यालयों की संवेदनशील जानकारी निकालने के लिए भारतीयों से संवाद कर रहे थे।
स्पेशल सेल ने दर्ज की एफआईआर
सूत्रों की मानें तो कासिम का भाई भी आईएसआई का एजेंट था, जो फरार चल रहा है। उसकी तलाश की जा रही है। स्पेशल सेल थाने में इस बाबत संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। कासिम को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है ताकि इस जासूसी रैकेट में शामिल बाकी लोगों का भी पर्दाफाश किया जा सके। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये मामला बेहद गंभीर है। इससे देश की सुरक्षा को सीधा खतरा हो सकता था। सूत्रों ने बताया कि कुछ दिनों पहले आईबी भी कासिम को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है।