PWD to install CCTV cameras at two key underpasses in South Delhi before monsoon दिल्ली के इन दो अंडरपास को जलभराव से बचाने PWD करने जा रही यह काम, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, Ncr Hindi News - Hindustan
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दिल्ली के इन दो अंडरपास को जलभराव से बचाने PWD करने जा रही यह काम, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

लोनिवि की तरफ से निगरानी के लिए फिलहाल जो SOP अपनाई जाती है उसके अनुसार, यदि किसी स्थान पर अंडरपास में 6 से 8 इंच तक पानी जमा हो जाता है, तो नियंत्रण कक्ष के द्वारा इस बारे में तुरंत फील्ड यूनिट को सूचित किया जाता है।

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीFri, 9 May 2025 06:40 PM
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दिल्ली के इन दो अंडरपास को जलभराव से बचाने PWD करने जा रही यह काम, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

बारिश के मौसम में शहर के जलभराव वाले कुछ इलाकों पर नजर रखने के लिए दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण) विभाग ने एक नई योजना बनाई है। विभाग ने शहर के जलभराव वाले प्रमुख स्थानों में से दो हॉटस्पॉट की निगरानी करने के लिए वहां पर 11 सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पीडब्ल्यूडी ने दक्षिणी दिल्ली के मूलचंद और पुल प्रहलादपुर अंडरपास पर कैमरे लगाने की योजना बनाई है और इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। आगे उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगाने से अंडरपास की वास्तविक स्थिति की जानकारी पीडब्ल्यूडी के बाढ़ नियंत्रण कक्ष को मिलेगी और परिस्थिति को देखते हुए आगे के निर्णय लिए जा सकेंगे।

योजना के बारे में बताते हुए PWD के एक अधिकारी ने कहा, 'हमारी योजना मूलचंद और प्रहलादपुर अंडरपास के लिए 8 बुलेट कैमरे और 3 डोम कैमरे लगाने की है। साथ ही अन्य उपकरण भी लगाए जाएंगे, ताकि हमारी टीमों और अन्य एजेंसियों को समय पर अलर्ट जारी करने और निगरानी करने के लिए लाइव फीड मिल सके।' उन्होंने कहा, 'इस परियोजना के लिए निविदाएं भी जारी कर दी गई हैं।'

राज्य सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि बाढ़ से बचने के लिए कई कदम उठाने के पीडब्ल्यूडी के दावों के बावजूद पिछले साल जून के महीने में हुई भारी बारिश के बाद दोनों अंडरपास में पानी भर गया था। ये दोनों जगहें अब भी जलभराव का हॉटस्पॉट बनी हुई हैं। वहीं बारिश के दिनों में अंडरपास के बंद होने से दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ता है।

लोक निर्माण विभाग की तरफ से निगरानी के लिए फिलहाल जो SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) अपनाई जाती है उसके अनुसार, यदि किसी स्थान पर अंडरपास में 6 से 8 इंच तक पानी जमा हो जाता है, तो नियंत्रण कक्ष के द्वारा इस बारे में तुरंत फील्ड यूनिट को सूचित किया जाता है और पंप ऑपरेटरों से जांच करवाई जाती है कि पंप काम कर रहे हैं या नहीं। इसके बाद भी यदि जलस्तर बढ़ता रहता है, तो अंडरपास से ट्रैफिक हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को सतर्क किया जाता है।

जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी ने जो तैयारियां की हैं, उनमें दक्षिण दिल्ली में जल निकासी की कोशिशों को बढ़ाने के अलावा, पूरे मॉनसून सीजन के लिए मध्य दिल्ली के आईटीओ और आसपास के इलाकों के लिए 1,800 अस्थायी जल पंप सेट किराए पर लेने की योजना बनाई है। यमुना तट से निकटता के कारण यह एक और जलभराव वाला क्षेत्र है।

इस बारे में पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी टेंडर के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत चार महीने के लिए 88 लाख रुपए है। आईटीओ इलाके में बाढ़ से बचने के लिए पीडब्ल्यूडी दो नई ड्रेनेज लाइन भी बिछा रहा है और मौजूदा नालों से गाद निकालने का काम भी कर रहा है।

पीडब्ल्यूडी के अनुसार, 2023 में दिल्ली में 308 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई थी। वहीं ट्रैफिक पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर 2025 में राजधानी में कुल 445 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई है। इनमें से 335 बिंदु पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी में आते हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले महीने इस संबंध में एक बैठक की थी, जिसमें संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई थी और नालों के निर्माण, गाद निकालने के काम और पंपों के स्वचालन जैसे सुधारात्मक उपायों का प्रस्ताव दिया गया था।