तीसरे देश के जरिए भारत में माल भेजने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान, ऐक्शन में आई सरकार
पाकिस्तान से तीसरे देशों के रास्ते आने वाले सामानों पर भारत का यह प्रतिबंध आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। यह कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

भारत सरकार ने पाकिस्तान से सीधे या किसी तीसरे देश के जरिए आने वाले सभी सामानों के आयात और ट्रांसशिपमेंट पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई आर्थिक और कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें यह व्यापार प्रतिबंध भी शामिल है। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पाकिस्तान चालबाजी दिखाते हुए किसी देश के जरिए भारत में सामान भेजने की कोशिश कर सकता है। इसी को देखते हुए पाकिस्तान से जुड़े माल पर भारत सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने उन सामानों को रोकना शुरू कर दिया है जो पाकिस्तान से निकलकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे तीसरे देशों के जरिए भारत पहुंच रहे हैं।
2 मई को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान से आने वाले सभी माल के आयात और ट्रांजिट (यानी पारगमन) पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सीमा शुल्क विभाग ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, यहां तक कि वे कंटेनर भी अब प्रतिबंध के दायरे में आ गए हैं जो अधिसूचना जारी होने से पहले ही समुद्र के रास्ते में थे, जबकि सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में छूट दी जाती है।
संशय होने पर माल को बंदरगाहों पर रोका जा रहा है
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि "जहां भी संदेह होता है, कस्टम विभाग कार्रवाई कर रहा है। कुछ बंदरगाहों पर DRI ने कदम उठाए हैं। हाल ही में एक पाकिस्तानी झंडे वाले जहाज को भारत में डॉक करने की अनुमति नहीं दी गई। व्यापारियों ने नुकसान की शिकायत की है, लेकिन सुरक्षा और नियमों के लिहाज से यह सख्त कदम जरूरी था।"
तीसरे देश के लेबल वाले माल की हो रही है सख्त जांच
पाकिस्तान से तीसरे देशों जैसे UAE के जरिए आ रहे माल की पहचान करना आसान नहीं होता क्योंकि ये माल 'रूल ऑफ ओरिजिन सर्टिफिकेट' के साथ आते हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि लेबल और पैकेजिंग की बारीकी से जांच करने पर असल स्रोत का पता चल जाता है। अधिकारी ने कहा कि संदेह है कि पाकिस्तानी खजूर और सूखे मेवे यूएई के जरिए भारत में आ रहे हैं और इस मामले को अमीरात सरकार के समक्ष उठाया गया है। अधिकारी ने कहा, "यूएई ने उत्पादन के आंकड़े दिए हैं और दावा किया है कि वह खुद भी खजूर और सूखे मेवे पैदा करता है। लेकिन सख्त अधिसूचनाएं एक निवारक के रूप में काम करती हैं, यहां तक कि अन्य देशों को मानदंडों को तोड़ने से बचने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।"
अटारी ICP बंद, सीधे व्यापार पर पहले ही रोक
2 मई की अधिसूचना से पहले ही भारत ने 24 अप्रैल को अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) बंद कर दिया था। इससे पाकिस्तान के साथ प्रत्यक्ष व्यापार पूरी तरह रुक गया। GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) के अनुसार, करीब 10 अरब डॉलर मूल्य का भारतीय माल ट्रांजिट हब रूट्स के जरिए पाकिस्तान पहुंचता है।
भारत-पाकिस्तान व्यापार के आंकड़े
पुलवामा हमले के बाद 2018-19 में द्विपक्षीय व्यापार 4,370.78 करोड़ रुपये से घटकर 2022-23 में 2,257.55 करोड़ रुपये रह गया था। 2023-24 में यह बढ़कर 3,886.53 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। वहीं, कुल कार्गो मूवमेंट 2018-19 में 49,102 से घटकर 2022-23 में 3,827 रह गया। पिछले पांच सालों में भारत-पाकिस्तान व्यापार घटकर सालाना करीब 2 अरब डॉलर रह गया है, जबकि विश्व बैंक इसे 37 अरब डॉलर तक बढ़ने की क्षमता वाला मानता है। भारत का कुल वस्तु व्यापार 430 अरब डॉलर है, जबकि पाकिस्तान का लगभग 100 अरब डॉलर।
व्यापारिक संबंधों का उतार-चढ़ाव
1996 में भारत ने पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा दिया था, जिससे व्यापार में वृद्धि हुई थी। लेकिन पाकिस्तान ने कभी भारत को यह दर्जा नहीं दिया। पुलवामा हमले के बाद भारत ने 2019 में पाकिस्तान का MFN दर्जा वापस ले लिया था। अब पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान से किसी भी रूप में जुड़ रहे व्यापारिक माल को रोकना शुरू कर दिया है।
बता दें कि भारत का पाकिस्तान को पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक निर्यात 44.76 करोड़ डॉलर था, जबकि आयात मात्र 4.2 लाख डॉलर था। ये आयात अंजीर (78,000 डॉलर), तुलसी और रोज़मेरी जड़ी-बूटियां (18,856 डॉलर), कुछ रसायन और हिमालयी गुलाबी नमक जैसी खास वस्तुओं तक सीमित थे। 2023-24 में आयात 28.8 लाख डॉलर था। अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान पड़ोसी देश से मुख्य आयात में फल और मेवे (80,000 डॉलर), कुछ तिलहन और औषधीय पौधे (2.6 लाख डॉलर) और जैविक रसायन शामिल थे।