लोगों ने टोल टैक्स से बचने के लिए अपनाई ये तरकीब, टोल प्रबंधन कंपनी परेशान
गुरुग्राम में स्थानीय लोगों ने टोल से बचने के लिए अलग से सड़क बनाकर द्वारका एक्सप्रेस वे को राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से फिर से जोड़ दिया है। इससे रोजाना दस हजार के करीब वाहन बिना टोल चुकाए गुजर...

गुरुग्राम में स्थानीय लोगों ने टोल से बचने के लिए अलग से सड़क बनाकर द्वारका एक्सप्रेस वे को राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से फिर से जोड़ दिया है। इससे रोजाना दस हजार के करीब वाहन बिना टोल चुकाए गुजर रहे हैं। लोगों का कहना है कि नियम के तहत ही इसका निर्माण किया गया है। हालांकि, टोल प्रबंधन कंपनी ने एनएचएआई को पत्र लिखकर इसका विरोध जताया है। कंपनी ने इस मामले में आगे कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
द्वारका एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच दीवार होने के कारण लोगों को टोल चुकाना पड़ता था। इसके अलावा अतिरिक्त चक्कर लगाकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचना पड़ता था। द्वारका एक्सप्रेस वे से जुड़ी सोसाइटियों ने नियम और राजस्व रास्ते का लाभ उठाकर 100 मीटर सड़क बनाकर इसे राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ दिया। इसके ऊपर आए एक लाख रुपये खर्च को सात सोसायटी और शिकोहपुर गांव के लोगों ने वहन किया है।
जानकारी के मुताबिक, गांव खेड़की दौला का राजस्व रास्ता है जो कि खस्ताहाल हालत में था। उसके ऊपर मिट्टी डलवाकर खेड़की दौला टोल से गुरुग्राम की तरफ करीब 600 मीटर आगे राष्ट्रीय राजमार्ग की सर्विस लाइन से जोड़ दिया गया है। रोजाना दस हजार के करीब वाहन बिना टोल चुकाए गुजर रहे हैं। इसमें कारों के अलावा भारी वाहन भी शामिल हैं। अभी तक न्यू गुरुग्राम के लोगों को मानेसर की तरफ जाकर हयात होटल के पास से यू टर्न लेने के बाद टोल देकर गुरुग्राम आना होता था।
लोगों ने उठाया नियमों का लाभ : राष्ट्रीय राजमार्ग से द्वारका एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए नियमों का लाभ उठाया गया है। नियमों के मुताबिक टोल के 500 मीटर क्षेत्र में किसी भी बाइपास रोड को नहीं जोड़ा जा सकता। इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग से बाइपास रोड को जोड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होती है। इसी नियम का लाभ उठाकर टोल से 500 मीटर दूर बाइपास रोड को जोड़ दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक एनएचएआई से बिना मंजूरी लिए ही इसे राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा गया है। एनएचएआई से मंजूरी के लिए आगामी से एक से दो दिन में पत्र लिखा जाएगा।
एमसीईपीएल ने विरोध जताया
खेड़की दौला टोल के पास राजस्व रास्ते को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने पर टोल प्रबंधन कंपनी मिलेनियम सिटी एक्सप्रेस वे प्राइवेट लिमिटेड (एमसीईपीएल) ने विरोध जताया है। एमसीईपीएल की तरफ से एनएचएआई और एचएसवीपी को पत्र लिख जवाब मांगा है। एनएचएआई और एचएसवीपी से जवाब मिलने के बाद कंपनी की तरफ से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कंपनी का कहना है कि इससे राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है।
''राष्ट्रीय राजमार्ग से बाइपास को जोड़ने के लिए नियमों को पालन नहीं किया गया। एनएचएआई और एचएसवीपी को पत्र लिखकर शिकायत की गई है। एनएचएआई के जवाब के बाद कोर्ट का रुख किया जाएगा।'' -एस रघुरमन, सीइओ (एमसीईपीएल)
'' सात सोसायटियों से राशि एकत्रित कर कच्ची सड़क बनाई गई है। एनएचएआई से मंजूरी के लिए इसी सप्ताह पत्र लिखा जाएगा। राजस्व रास्ते का इस्तेमाल किया गया है।'' -लोकश यादव, आरडब्ल्यूए सदस्य (वाटिका इंडिया नेक्स्ट)
मुख्यमंत्री के खिलाफ जाकर खड़ी हुई थी दीवार
द्वारका एक्सप्रेस वे को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 23 जनवरी को क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इसके बाद 23 जनवरी को ही दीवार गिराने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन कंपनी एमसीईपीएल मुख्यमंत्री के खिलाफ जाकर हाइकोर्ट से 25 जनवरी को स्टे लेकर आ गई। इसके बाद एमसीईपीएल की तरफ से 29 जनवरी को दीवार खड़ी कर दी गई थी। तब से वाहनों को टोल चुकाकर ही आना जाना पड़ रहा था।