फर्जी पुलिस नियुक्ति पत्र बनाकर दिल्ली घूम रही थी,जांच में ऐसे फंसी UP की लड़की
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें पत्र पर उचित डाक टिकट,बारकोड या पोस्ट ऑफिस की मुहरें नहीं थीं,जिससे उन्हें शक हो गया। नियुक्ति पत्र की समीक्षा करते हुए वास्तविक भर्तियों को जारी किए गए वैध दस्तावेज से इसकी तुलना की। इसमें भाषा संबंधी त्रुटियों सहित कई विसंगतियां पाई गईं।

बुलंदशहर की 24 वर्षीय युवती ने परिजनों के सामने खुद को योग्य साबित करने और दिल्ली घूमने के लिए दिल्ली पुलिस में नियुक्ति का फर्जी पत्र बना दिया। वह पत्र लेकर द्वारका स्थित पुलिस अकादमी पहुंची। पुलिसकर्मियों ने संदेह होने पर पत्र की जांच की तो उसका झूठ सामने आया। फर्जीवाड़े की सूचना के बाद द्वारका साउथ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि 17 मई को द्वारका साउथ थाना पुलिस को सूचना मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची,जहां युवती मौजूद थी। वहां मौजूद कर्मियों ने पुलिस को फर्जी नियुक्ति पत्र और युवती के खिलाफ शिकायत दी। उन्होंने बताया कि युवती यह पत्र लेकर उनके पास पहुंची। उसने बताया कि 2022 में हुई भर्ती में उसने हिस्सा लिया था। मेरठ में लिखित परीक्षा दी और गाजियाबाद में शारीरिक परीक्षण हुआ था। युवती का दावा था कि दिल्ली में उसकी मेडिकल जांच भी हुई थी। पुलिसकर्मियों ने अपने डाटाबेस की जांच की तो पाया कि उसके नाम से या फिर उससे मिलता जुलता कोई नाम भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं था। इतना ही नहीं जांच में सामने आया कि नियुक्ति पत्र पर जिस आईपीएस अधिकारी (एम. हर्षवर्धन) के हस्ताक्षर थे। वह वर्ष 2022 में पुलिस अकादमी में तैनात नहीं थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें पत्र पर उचित डाक टिकट,बारकोड या पोस्ट ऑफिस की मुहरें नहीं थीं,जिससे उन्हें शक हो गया। नियुक्ति पत्र की समीक्षा करते हुए वास्तविक भर्तियों को जारी किए गए वैध दस्तावेज से इसकी तुलना की। इसमें भाषा संबंधी त्रुटियों सहित कई विसंगतियां पाई गईं। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने युवती को बीएनएसएस की धारा 35(3) के तहत नोटिस दिया और उसे बाउंड डाउन किया गया। पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में इसके पीछे किसी भी गिरोह का हाथ सामने नहीं आया है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले भी दिल्ली पुलिस ऐसा ही एक मामला पकड़ा चुकी है। इसमें युवती के परिजन उसकी शादी करना चाहते थे। उसने अपनी शादी रोकने के लिए दिल्ली पुलिस में नियुक्ति का फर्जी पत्र बनाकर परिजनों को दिखाया था, लेकिन जब परिजन उसके साथ पुलिस के पास पहुंचे तो उसका झूठ पकड़ा गया।
गूगल की मदद से तैयार किया,फिर अपने पते पर भेजा
युवती ने पूछताछ में बताया कि उसने गूगल की मदद से नियुक्ति पत्र का खाका तैयार किया और फिर अपने घर के कम्प्यूटर पर नियुक्ति पत्र बनाया। उसकी फोटो कॉपी निकाली और खुद ही अपने घर के पते पर भेज दिया, ताकि यह दिखाया जा सके कि पत्र डाक के द्वारा आया है। युवती ने बताया कि परिजनों को उसने नियुक्ति पत्र दिखाकर बताया कि उसकी दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी लग गई है। इसके लिए उसे दिल्ली जाना है। हालांकि, वह अकेले दिल्ली घूमने आना चाहती थी, लेकिन परिजनों ने जबरन उसके भाई को उसके साथ दिल्ली भेज दिया। इसके चलते उसे नियुक्ति पत्र लेकर पुलिस अकादमी जाना पड़ा। जहां उसका झूठ पकड़ा गया।