UP के GST अफसर नाराज, उच्च अधिकारियों का मौखिक आदेश मानने से इनकार; क्या कारण
गौतमबुद्ध नगर समेत पूरे प्रदेश के जीएसटी अधिकारियों ने विभाग के उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश मानने से इनकार कर दिया है। जीएसटी की तीनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सोमवार को इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव से मुलाकात की और मांगें रखीं।

गौतमबुद्ध नगर समेत पूरे प्रदेश के जीएसटी अधिकारियों ने विभाग के उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश मानने से इनकार कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि जब तक व्यवस्था में परिवर्तन और बेवजह बनाया जा रहा दबाव बंद नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जीएसटी की तीनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सोमवार को इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव से मुलाकात की और मांगें रखीं।
जीएसटी ऑफिसर्स सर्विस एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्यकर अधिकारी सेवा संघ और प्रोन्नत अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात की। जीएसटी ऑफिसर्स सर्विस एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्योति स्वरूप शुक्ल ने कहा कि मुख्य सचिव को सारी स्थितियों से अवगत कराया गया। इसमें विभाग में अत्यधिक लक्ष्य निर्देशित करने, उनकी प्राप्ति के लिए अनुचित दबाव, कम समय में काम करने का मौखिक दबाव, छुट्टी के दिनों में काम करवाना और बैठकों का आयोजन, स्टाफ और संसाधनों की कमी, बिना अधिकारी का पक्ष जाने उस पर करवाई, एमनेस्टी स्कीम, जो व्यापारी के लिए स्वैच्छिक ब्याज माफी योजना है, उसके लिए निर्धारित करने और उसे पूरा न करने पर निलंबन के लिए प्रस्ताव मांगना जैसी समस्याएं उन्हें बताई गईं।
पदाधिकारियों ने मृतक जीएसटी अधिकारी संजय सिंह के परिवार की हर संभव मदद करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को एसोसिएशन की मांग से अवगत कराया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि 31 मार्च तक मुख्य सचिव के आश्वासन के क्रियान्वन का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद भी यदि उनकी सुनवाई नहीं हुई तो एक अप्रैल से आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। जिले के अधिकारियों ने बताया कि व्हाटसऐप ग्रुप पर महज 50 अधिकारी बचे हैं। बाकी 850 से अधिक अधिकारी ग्रुप छोड़ चुके हैं।
बता दें कि 10 मार्च को राज्यकर गाजियाबाद में उपायुक्त पद पर तैनात संजय सिंह की 14वीं मंजिल के गिरकर मौत हो गई थी। वह नोएडा के सेक्टर 75 की एपेक्स एथेना सोसाइटी में परिवार के साथ रहते थे। उनकी पत्नी ने विभागीय उच्चअधिकारियों पर अत्यधिक विभागीय काम का दबाव डालने और अतिरिक्त चार्ज के चलते मानसिक तनाव को उनके द्वारा आत्महत्या का कदम उठाने की वजह बताई थी।
उच्च न्यायालय के आदेश का भी हवाला दे चुके
प्रमुख सचिव राज्यकर एम देवराज का विरोध जारी है। जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश का जिक्र भी किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी रहते हुए एम देवराज से एक कर्मचारी को बर्खास्त करने और जांच की खामियों की अनदेखी करने पर स्पष्टीकरण मांगा गया था।