दिवाली से पहले गाजियाबाद में 20 दिन रहेगी बूंद-बूंद पानी की किल्लत, जानें कब से शुरू होगा जल संकट
गाजियाबाद में सेक्टरों से लेकर सोसाइटियों सहित सभी छोटी-बड़ी कॉलोनियों में रहने वालों को अगले 20 दिन तक बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। दिवाली से पहले होने वाले इस पेयजल संकट से लोगोंं की जेब पर भी बोझ बढ़ना तय है।

गाजियाबाद में सेक्टरों से लेकर सोसाइटियों सहित सभी छोटी-बड़ी कॉलोनियों में रहने वालों को अगले 20 दिन तक बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। दिवाली से पहले होने वाले इस पेयजल संकट से लोगोंं की जेब पर भी बोझ बढ़ना तय है।
जानकारी के अनुसार, हर साल की भांति इस बार भी दशहरा के दिन से सफाई के लिए गंगनहर बंद कर दी जाएगी। 12 अक्टूबर की रात 12 बजे गंगनहर बंद हो जाएगी, जिसके बाद 2 नवंबर को पानी छोड़ा जाएगा। इस अवधि में प्लांट पूरी तरह बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों को दीवाली पर भी पानी खरीदना पड़ेगा।
शहरवासियों को दशहरा से पहले ही पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। ट्रांसफार्मर फुंकने से मंगलवार रात से ही दोनों प्लांट बंद हैं। इससे 10 लाख की आबादी को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। सिद्धार्थ विहार में 360 एमएलडी क्षमता के दो गंगाजल प्लांट हैं, जिनमें से 75 फीसदी पानी नोएडा को जाता है और बाकी इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली, डेल्टा कॉलोनी में रहने वाले 10 लाख लोगों के घरों में भेजा जाता है। मंगलवार रात प्लांट का ट्रांसफार्मर फुंक गया था। गुरुवार को भी पर्याप्त क्षमता के ट्रांसफार्मर की व्यवस्था नहीं हो पाई। बुधवार रात को जेनरेटर से छोटे प्लांट का एक पंप चलाया जा रहा, लेकिन इससे पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा। जलकल विभाग और जीडीए की टीम नलकूपों से आपूर्ति दे रही।
गंदा पानी आने से लोग परेशान पर्याप्त पानी न मिलने के साथ कई जगह पर गंदा पानी आने की शिकायत भी लोगों ने की। बृज विहार और डेल्टा कॉलोनी के अलग-अलग इलाकों में गुरुवार को कई जगह गंदा पानी आया। लोगों ने कहा कि दो दिन से पानी बहुत कम मिल रहा और बोतलबंद पानी खरीदना पड़ा। हेमंत भारद्वाज का कहना है कि पानी का टीडीएस 1600 से अधिक था। इसीलिए पहले से टंकी में मौजूद पानी भी खराब हो गया।