ये भगवान का न्याय; पंजाब-हरियाणा जल विवाद पर ऐसा क्यों बोली AAP?
पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे के मुद्दे पर नया विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने भाजपा शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है।

पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते जल विवाद के बीच आम आमदी पार्टी के दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज का बयान सामने आया है। उन्होंने इसे भगवान का न्याय बताया है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि भगवान ने नायब सिंह सैनी जैसे लोगों के साथ न्याय किया है। यह वही निर्दयी हरियाणा सरकार है जिसने बार-बार दिल्ली के हिस्से का पानी रोका, बार-बार उस पानी में प्रदूषक छोड़े जिससे अमोनिया बढ़ गया। सौरभ भारद्वाज ने कहा, पहले तो उन्हें (सीएम सैनी को) दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने उन्हें बहुत परेशान किया है।
बता दें, पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे के मुद्दे पर नया विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने भाजपा शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है।
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इस मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। सर्वदलीय बैठक के दौरान इस बात पर विचार किया गया कि आने वाले दिनों में पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं।
बैठक में भाग लेने के लिए आप, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित विभिन्न दलों के प्रतिनिधि पहुंचे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की।
मान के अलावा, बैठक में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में आप की प्रदेश इकाई के प्रमुख अमन अरोड़ा, भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़, भाजपा नेता मनोरंजन कालिया, कांग्रेस के तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और राणा केपी सिंह, शिरोमणि अकाली दल के दलजीत सिंह चीमा और बलविंदर सिंह भूंदड़, बसपा की पंजाब इकाई के प्रमुख अवतार सिंह करीमपुरी और पार्टी विधायक नछत्तर पाल शामिल हैं।
सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मान ने कहा, ‘‘बैठक करीब दो घंटे तक चली और सभी दलों ने जल मुद्दे पर अपने विचार रखे।’’
केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, पंजाब को दरकिनार कर यह मुद्दा हम पर थोपा गया है।उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के फैसले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी के कुछ अधिकारियों को भी रातों-रात बदल दिया गया।
मान ने कहा, सर्वदलीय बैठक के दौरान हमने इसकी निंदा की। हम पहले से ही मानवीय आधार पर हरियाणा को 4,000 क्यूसेक पानी दे रहे हैं। हमें धन्यवाद देने के बजाय, वे इस मुद्दे को कहीं और ले गए।
उन्होंने कहा, सभी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि दलगत भावना से ऊपर उठकर हम पंजाब के साथ खड़े हैं। यह मुद्दा पंजाब की जीवन रेखा से जुड़ा है - जो पानी का मुद्दा है। इस मुद्दे पर सभी दल एकजुट हैं।
भाषआ से इनपुट