अक्षय तृतीया हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। स्कंद पुराणके मुताबिक वैशाख को बहुत ही खास महीना माना गया है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया पर जो भी काम या दान किया जाता है, उसका कभी खत्म ना होने वाला फल मिलता है। इसके अलावा इस दिन जो खरीददारी की जाती है वो अक्षय रहती है। इसलिए इसे अक्षय तृतीया कहते हैं। इस दिन सोने की खरीददारी और दान से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
अक्षय तृतीया के दिन अपनी रोज की कमाई में से आपको दान करना चाहिए। इस दिन जल से भरी मटकी, गुड़, कन्यादान, शहद, नमक, चांदी, कपड़े, सोना, तिल, घी, मिठाई, गौ, भूमि आदि का दान करना चाहिए। कहते हैं, इसका फल आपके साथ हमेशा रहता है, कभी नष्ट नहीं होता है।
अगर आपकी जिंदगी में चंद्रमा की स्थिति सही नहीं है तो आप अक्षत तृतीया पर सफेद चीज का दान कर सकते हैं, जैसे दूध, दही, शक्कर, खीर, मोती, शंख, सफेद कपड़ा आदि का दान करें। इससे चंद्रमा की स्थिति आपकी कुंडली में सही होती है।
अक्षय तृतीया के दिन अपने पितरों तथा देवों को ध्यान करके जल से भरे घड़े, जौ, गेंहू, चना, अनाज, सत्तू, दही, पंखा, छाता, जूता, चप्पल आदि का दान किसी गरीब व्यक्ति को करना चाहिए, इससे पितृ प्रसन्न होकर आपको सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इस दिन भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने के बाद अक्षय तृतीया पर नई चीजों की खरीदारी बहुत ही शुभ मानी जाती है, विशेषकर इस दिन सोने से बनी चीजें या आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से पूजा-पाठ करने से न सिर्फ भगवान विष्णु जी एवं मां लक्ष्मी, बल्कि बुद्धि और विद्या का भी वरदान मिलता है।
अगर शनि की साढ़ेसाती है और शनि आपकी कुंडली में कमजोर है, तो आप अक्षय तृतीया पर काले तिल, तेल, उड़द, काला कपड़ा, छाता आदि का दान कर सकते हैं।