शनि प्रदोष के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। शिव मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाएं। "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें। यह शनि की अशुभ दृष्टि को कम करता है और शिव जी की कृपा दिलाता है।
शनि प्रदोष पर शनि मंदिर में सरसों के तेल में अपनी छाया देखकर तेल अर्पित करें। "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करता है।
शनि प्रदोष के शाम में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः" मंत्र का जाप करें। यह शनि दोष से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
शनि प्रदोष पर हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें। हनुमान जी की पूजा शनि के कुप्रभाव को कम करती है और शिव जी का आशीर्वाद दिलाती है। बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
शनि प्रदोष के दिन काले तिल, काले उड़द की दाल, या काले वस्त्र दान करें। यह दान गरीबों या जरूरतमंदों को देना शुभ माना जाता है। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
शनि प्रदोष पर गरीबों, वृद्धों, या असहाय लोगों को भोजन, वस्त्र, या धन दान करें। शनि देव सेवा से प्रसन्न होते हैं, और यह उपाय जीवन में सुख-शांति लाता है।
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