बदलती जीवनशैली के साथ लोगों की खानपान की आदतों में भी काफी बदलाव आ गया है। कई लोग अब नार्मल गेंहू के आटे की रोटी की जगह खुद को हेल्दी और तंदुरुस्त रखने के लिए मल्टीग्रेन आटा खाना पसंद करते हैं। बता दें, मल्टीग्रेन आटा कई अनाज का मिक्सचर होता है, जिसे तैयार करने के लिए गेहूं, मक्का, बाजरा के अलावा ओट्स, रागी, चना दाल और सोयाबीन जैसी कई अन्य चीजें भी डाली जाती हैं। इन सभी अनाजों के कॉम्बिनेशन से तैयार किया गया आटा खाने से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से दूर रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं मल्टीग्रेन आटा सेहत को सिर्फ फायदा ही नहीं बल्कि कई बार कुछ गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे ही 7 बड़े साइड इफेक्ट्स। Pic Credit: Freepik
मल्टीग्रेन आटे में मौजूद हाई फाइबर पाचन संबंधी समस्याएं पैदा करके पेट में गैस, सूजन या असहजता का कारण बन सकता है। अगर आपका पाचन तंत्र पहले से ही संवेदनशील है तो मल्टीग्रेन आटा खाने से परहेज करें। Pic Credit: Freepik
कई बार मल्टीग्रेन आटे में मौजूद उच्च फाइबर व्यक्ति के लिए कब्ज का कारण भी बन सकता है। दरअसल, आटे में मौजूद फाइबर आंतों में रुककर मल त्याग में कठिनाई पैदा कर सकता है। Pic Credit: Freepik
मल्टीग्रेन आटे को तैयार करते समय इसमें कई तरह के अनाज मिलाएं जाते हैं। लेकिन कई बार कुछ लोगों को किसी खास अनाज (जैसे ग्लूटेन युक्त गेहूं) से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर चकत्ते, खुजली, या पेट की समस्याएं हो सकती हैं। Pic Credit: Freepik
मल्टीग्रेन आटे से बनी चीजें जैसे ब्रेड या बेकरी आइटम, अगर उन्हें सही मात्रा में और सही तरीके से नहीं खाया जाए, तो वे मोटापे का कारण बन सकती हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि ये चीजें अकसर अधिक कैलोरी युक्त होती हैं और इनमें उच्च फाइबर और कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है। Pic Credit: Freepik
मल्टीग्रेन आटे में मौजूद विभिन्न अनाजों का मिश्रण पोषक तत्वों के अवशोषण को जटिल बना सकता है। कुछ अनाज में ऐसे यौगिक होते हैं जो कुछ खनिजों के अवशोषण को रोक सकते हैं। Pic Credit: Freepik
पहली बार मल्टीग्रेन आटा डाइट में शामिल कर रहे हैं तो उसे धीरे-धीरे आहार में शामिल करें। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि आपको फाइबर से संबंधित समस्याएं परेशान न करें। पोषण विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही अपने लिए सही अनाज मिश्रण चुनें। Pic Credit: Freepik