'तिरुपति की गौशाला में मर रहीं गायें, तीन महीने में 100 की गई जान'; YSRCP नेता का दावा
- YSRCP नेता ने राज्य की टीडीपी-बीजेपी गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा, 'ये लोग हमारे लीडर वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर झूठे आरोप लगाने में बिजी हैं और उनके अच्छे कामों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।'

तिरुपति के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की गौशाला में बड़ी तादाद में गायों की मौत का दावा किया गया है। टीटीडी के पूर्व चेयरमैन और वाईएसआरसीपी लीडर भुमना करुणाकर रेड्डी ने इसे लेकर आंध्र प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने इस मसले की जांच की मांग की है ताकि सच सामने आए और तिरुमाला की पवित्रता बनी रहे। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'पिछले तीन महीनों में 100 से ज्यादा गायें खराब मैनटेनेंस और देखभाल की कमी की वजह से मर चुकी हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि अभी सिर्फ वही जानकारी सामने आई है जो हमें पता चली।' उन्होंने राज्य की टीडीपी-बीजेपी गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा, 'ये लोग हमारे लीडर वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर झूठे आरोप लगाने में बिजी हैं और उनके अच्छे कामों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।'
वाईएसआरसीपी नेता ने गायों की मौत की जांच की मांग रखी है। उन्होंने कहा, 'हम गौशाला में इतनी सारी गायों की मौत और खराब मैनटेनेंस की जांच चाहते हैं। गौशाला की देखरेख डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर कर रहा है, जिसे वेटरनरी का कोई जानकारी नहीं है। यह गठबंधन सरकार और टीटीडी गवर्निंग बॉडी की सरासर लापरवाही है।' उन्होंने कहा कि गायों की अचानक इतनी मौतें मौजूदा सरकार के खिलाफ दैवीय संकेत हैं, जो जगन मोहन रेड्डी पर बेबुनियाद इल्जाम लगा रही है।
रेलवे ट्रैक पर मरी गाय को लेकर बड़ा दावा
भुमना करुणाकर रेड्डी ने दावा किया कि जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में गौशाला खूब फल-फूल रही थी। उस दौरान गुजरात, राजस्थान और पंजाब से 550 देसी नस्ल की गायें लाई गई थीं। गौशाला से रोज 1700 लीटर दूध तिरुमाला के धार्मिक कार्यों के लिए जाता था। मौजूदा सरकार में 500 लीटर भी नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा, 'पहले गायें किसानों को गिफ्ट की जाती थीं। उनके औषधीय, आध्यात्मिक इस्तेमाल होते थे, लेकिन अब यही जानवर खतरे में हैं।' YSRCP नेता ने दावा किया कि एक प्रेग्नेंट गाय रेलवे ट्रैक पर मरी मिली और अधिकारियों ने उसके कान काट दिए, जिनमें टीटीडी का टैग था। वाईएस राजशेखर रेड्डी और वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने ही टीटीडी की पवित्रता और गौशाला को संभालने की कोशिश की।