सचिन तेंदुलकर के पिता रमेश तेंदुलकर संगीतकार सचिन देव बर्मन के बहुत बड़े फैन थे। इतने बड़े फैन कि अपने बेटे का नाम ही उनके नाम पर रख दिया। यहां दिए गए सवालों में 7 या उससे ज्यादा के सही जवाब जानने वालों को सुपर फैन कहा जा सकता है। 5-7 को फैन कह सकते हैं। 5 से कम स्कोर है तब भी आप क्रिकेट फैन तो हो ही।
हां, यह सच है। उन्हें पनिशमेंट के तौर पर क्रिकेट कोचिंग सेंटर भेजा गया था।
रमाकांत आचरेकर सचिन तेंदुलकर के लिए बल्लेबाजी का एक स्पेशल सेशन रखते थे। उस दौरान मिडल स्टंप पर एक रुपये का सिक्का रखते थे। अगर सचिन बिना आउट हुए सेशन निकाल लेते थे तो सिक्का उनका हो जाता था। उस दौरान 11 नहीं बल्कि 50 और कभी-कभार तो 70 तक फील्डर सचिन को आउट करने के लिए तैनात रहते थे।
सचिन तेंदुलकर पहले ऐसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं जिन्हें थर्ड अंपायर ने आउट दिया था। 14 नवंबर 1992 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डर्बन टेस्ट में थर्ड अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार किसी बल्लेबाज को थर्ड अंपायर ने आउट दिया था।
सचिन तेंदुलकर दाहिने हाथ से बल्लेबाजी करते हैं लेकिन वह लिखते बाएं हाथ से हैं। यहां तक कि टेबल टेनिस भी बाएं हाथ से खेलते हैं।
सचिन तेंदुलकर ने 11 दिसंबर 1988 को रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। उन्होंने वानखेड़े में गुजरात के खिलाफ मुंबई की तरफ से डेब्यू किया था। तब उनकी उम्र 15 वर्ष 232 दिन थी। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के साथ-साथ ईरानी कप और दलीप ट्रॉफी में भी अपने डेब्यू मैच में शतक जड़े थे।
सचिन तेंदुलकर ने 1987 के वर्ल्ड कप में वानखेड़े स्टेडियम में खेले भारत बनाम जिम्बॉब्वे मैच में बॉल बॉय की भूमिका निभाई थी।
सचिन तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। 15 से 20 नवंबर 1989 को कराची में वह टेस्ट मैच खेला गया था। तब उनकी उम्र महज 16 वर्ष और 205 दिन थी।
सचिन ने टेस्ट डेब्यू के करीब एक महीने बाद 18 दिसंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ ही वनडे इंटरनेशनल में भी डेब्यू किया था। वह मैच गुंजरावाला में हुआ था।
इंग्लैंड के क्रिकेटर एलन मुलल्ली ने दावा किया था कि सचिन चौड़े बैट से खेलते हैं। हालांकि, आरोप निराधार था क्योंकि सचिन ने हमेशा मानक आकार के बल्ले का इस्तेमाल किया। हां, उनके बैट का वजन सामान्य से काफी ज्यादा होता था।
सचिन तेंदुलकर को 4 फरवरी 2014 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया था। उनके अलावा वैज्ञानिक सीएनआ राव को भी भारत रत्न दिया गया।